एक किलो व्हेल की उल्टी की कीमत सुनकर घूम जाएगा आपका दिमाग, खूब होती है तस्करी
व्हेल की उल्टी, जिसे आमतौर पर "एम्बरग्रीस" (Ambergris) के नाम से जाना जाता है, एक दुर्लभ और बहुत ही मूल्यवान पदार्थ है. ये चीज सफेद व्हेल से मिलती है.
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने हाल ही में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया, जिनके ऊपर आरोप था कि वह व्हेल मछली की उल्टी यानी एम्बरग्रीस की तस्करी करते हैं. इस मामले में ठाणे पुलिस कार्यालय की तरफ से बयान जारी कर बताया गया कि उन्हें 27 सितंबर को इसके बारे में गुप्त सूचना मिली थी.
क्राइम ब्रांच के मुताबिक, इस मामले में ठाणे क्राइम ब्रांच के सहायक पुलिस उप निरीक्षक दत्ताराम भोंसले को गुप्त सूचना मिली थी कि डोंबिवली इलाके में दोपहर 2 बजे के करीब कुछ लोग एक कार से व्हेल की उल्टी बेचने के लिए आने वाले हैं.
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और एम्बरग्रीस के साथ तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया. खैर, आज हम आपको इस खबर के बारे में नहीं, बल्कि व्हेल की उस उल्टी की खासियत के बारे में बताएंगे, जिसकी कीमत ब्लैक मार्केट में करोड़ों रुपये है.
ये एम्बरग्रीस खास क्यों है
व्हेल की उल्टी, जिसे आमतौर पर "एम्बरग्रीस" (Ambergris) के नाम से जाना जाता है, एक दुर्लभ और बहुत ही मूल्यवान पदार्थ है. ये चीज सफेद व्हेल से मिलती है. आसान भाषा में कहें तो एम्बरग्रीस सफेद व्हेल की आंतों में बनता है और फिर व्हेल इसे उगल देती है. एम्बरग्रीस का इस्तेमाल पारंपरिक रूप से परफ्यूम और दूसरे तरह के उत्पादों को बनाने में किया जाता है.
ब्लैक मार्केट में एम्बरग्रीस की कीमत
एम्बरग्रीस की कीमत उसकी क्वालिटी, उसके आकार और उसकी स्थिति पर निर्भर करती है. ब्लैक मार्केट में इसकी कीमत की बात करें तो, इस समय अच्छी क्वालिटी के एक किलो एम्बरग्रीस की कीमत लगभग 5 से 6 करोड़ रुपये है. दरअसल, ये चीज बेहद दुर्लभ है और प्राकृतिक रूप से बेहद मुश्किल से ही किसी को मिलती है. इसलिए ब्लैक मार्केट में इसकी कीमत इतनी ज्यादा है.
एम्बरग्रीस की तस्करी
एम्बरग्रीस की ऊंची कीमत और उसकी भारी डिमांड ने इसके अवैध व्यापार को बढ़ावा दिया है. दरअसल, कई देशों में, व्हेल का शिकार और इससे प्राप्त उत्पादों का व्यापार कानूनी रूप से बैन है. यही वजह है कि तस्कर इसे अवैध रूप से खरीदते और बेचते हैं. हालांकि, इसके लिए व्हेल का शिकार नहीं होता बल्कि, एम्बरग्रीस ज्यादातर समुद्र के किनारे पर प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं.
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