20वीं सदी की शुरुआत से ही अमेरिका में संगठित रूप से अपराध करने वाले क्रिमिनल्स की संख्या बढ़ने लगी थी. पूरी दुनिया पर अपनी धाक जमाने वाले अमेरिका को भनक भी नहीं थी कि साल 1899 में जन्म लेने वाला एक बच्चा अमेरिका में अपराध और जुर्म की दुनिया का पूरा किरदार बदलने वाला है. हम बात कर रहे हैं अमेरिका के कुख्यात अपराधी अल कपोन की, जिसे दुनिया ने बाद में स्कारफेस के नामा से जाना. चलिए आज आपको अमेरिका के सबसे खुंखार अपराधी के बारे में विस्तार से बताते हैं.


शराब से शिकागो आउटफिट तक


अल कपोन जिसे इतिहास के कुछ सबसे बड़े माफियाओं में गिना जाता है, उसका जन्म 17 जनवरी 1899 में अमेरिका के न्यूयॉर्क में एक इतालवी अप्रवासियों के परिवार में हुआ था. 20 साल की उम्र तक अल कपोन समझ गया था कि अगर उसे रातोंरात अमेरिका में अमीर बनना है तो जुर्म का रास्ता अपनाना पड़ेगा. हुआ भी ऐसा ही.


अमेरिका में 1920 से 1933 तक शराब के किसी भी प्रोडक्ट के उत्पादन, आयात और बिक्री पर पूरी तरह से रोक थी. अल कपोन को शराब के बैन में अपने लिए एक मौका दिखा और उसने अपने कुछ साथियों के साथ शराब की तस्करी शुरू कर दी. धीरे-धीरे वह जुर्म की दुनिया में अपनी पहचान बनाने लगा और फिर उसने शिकागो आउटफिट नाम से एक गिरोह बनाया और उसके जरिए बड़े पैमाने पर तस्करी और अपराध करने लगा.


14 साल की उम्र में अपराधी बन गया


अल कपोन ने 14 साल की उम्र में ही अपराध के जगत में कदम रख दिया था. दरअसल, उसने 14 साल की उम्र में ही अपने एक टीचर पर जानलेवा हमला कर दिया था. इसके बाद से उसकी पढ़ाई लिखाई बंद हो गई. यहीं से अल कपोन के अपराधों की शुरुआत हुई. बाद में अल कपोन स्ट्रीट गैंग लीडर जॉनी टोरिओ के गैंग में शामिल हो गया.


कैसे बना स्कारफेस


14 से 21 साल की उम्र तक अल कपोन कई तरह के अपराधों में शामिल हो गया था. इसमें कई हिंसक घटनाएं भी थीं. इसी तरह की एक घटना ने अल कपोन को स्कारफेस बना दिया. दरअसल, एक दिन किसी बात पर अल कपोन और एक दूसरे खुंखार बदमाश गैलुशियों के बीच कहासुनी हो गई. ये कहासुनी इतनी बढ़ी कि गैलुशियों ने अपनी जेब से चाकू निकाला और अलकपोन के चेहरे पर वार कर दिया. इससे अल कपोन के बाएं गाल पर एक बड़ा निशान बन गया. इसके बाद से ही लोग अल कपोन को स्कारफेस कहने लगें.


26 साल की उम्र में माफिया


26 साल तक की उम्र में अल कपोन उर्फ स्कारफेस अमेरिका की सबसे बड़ी क्राइम यूनिट को ऑपरेट करने लग गया था. कहा जाता था कि उस दौरान सिर्फ अमेरिका के लोगों में ही नहीं बल्कि वहां के बड़े-बड़े अधिकारियों में भी उसका खौफ था. कहा जाता है कि साल 1929 में एक बार दूसरे गैंग के कुछ लोगों ने अल कपोन के साथ आने से मना कर दिया. इसका अंजाम ये हुआ कि एक ही दिन में अल कपोन के लोगों ने सात लोगों को मौत के घाट उतार दिया. हालांकि, इसी के बाद से अल कपोन पर कानून की पकड़ मजबूत होने लगी और फिर 1931 में उसे टैक्स चोरी के एक मामले में 11 साल की सजा हो गई.


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