इंडोनेशिया एक मुस्लिम देश है, जहां पर मुसलमानों की आबादी 87 प्रतिशत है, लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि यहां पर एक हिंदू का बोलबाला है. पूरे इंडोनेशिया में उनके नाम पर कई प्रतिमाएं बनाई गई हैं. उनके नाम से डाक टिकट जारी हुए हैं. इसके अलावा, दुनिया के व्यस्तम एयरपोर्ट में शुमार बाली हवाई अड्डे का नामकरण भी उनके नाम पर हुआ है. यही वजह है कि बाली एयरपोर्ट में कई हिंदू देवताओं की प्रतिमाएं लगी हैं. 


गस्ती नागुर राय अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 


इंडोनेशिया का बाली एयरपोर्ट गस्ती नागुर राय अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में जाना जाता है. दरअसल, गस्ती नागुर राय एक हिंदू थे, जिनका जन्म इंडोनेशिया में हुआ था. देश के प्रति उनके असीम प्रेम की वजह से वह सेना में शामिल हुए थे. उन्होंने इंडोनेशिया को डचों से आजाद कराने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वह कर्नल के पद पर भी आसीन हुए थे. देश के प्रति उनकी वफादारी को देखने के बाद इंडोनेशियाई सरकार ने उन्हें सबसे बहादुर सेनानी के रूप में नामित कर दिया. 


डाक टिकट भी जारी किया गया


गस्ती नागुर राय की देशभर में जगह-जगह प्रतिमाएं लगी हैं. उनके नाम पर डाक टिकट जारी हुआ और बाली हवाई अड्डे का नाम भी रखा गया. सिर्फ एयरपोर्ट का नाम ही हिंदू पर नहीं रखा गया बल्कि वहां कई सारे हिंदू देवताओं की प्रतिमाएं भी लगाई गई हैं. एयरपोर्ट परिसर में हनुमान जी की विशालकाय प्रतिमा लगी है, जिसमें वह गदा लिए हैं. यह प्रतिमा देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों का खासा ध्यान अपनी ओर खींचती है. 


एयरपोर्ट पर लगीं भगवान विष्णु और गरुण की प्रतिमाएं


इसके अतिरिक्त, एयरपोर्ट पर भगवान विष्णु के वाहन गरुण की प्रतिमा लगी है, जिसे इंडोनेशिया की स्थानीय शैली की मदद से प्रभावशाली बनाया गया है. गरुण के अलावा भगवान विष्णु की प्रतिमा परिसर में लगी हुई है. इसके अतिरिक्त, सुबाहू की प्रतिमा भी है, जो लंकापति रावण का भांजा और मारीच का भाई था. वह एक राक्षस था, जिसका वध भगवान राम ने विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा करने के दौरान किया था. 


10वीं सदी में इंडोनेशिया के राजा भी हिंदू थे


इंडोनेशिया में भगवान विष्णु को बहुत माना जाता है. वहां पर उनके कई सारे मंदिर भी हैं. बता दें कि 10वीं से 11वीं सदी के मध्य तक इंडोनेशिया में हिंदू आबादी अधिक थी. वहां के राजा भी हिंदू थे, लेकिन यह देश धर्म परिवर्तन के बाद पहले बौद्ध और फिर मुस्लिम आबादी वाला हो गया. इसके बावजूद इंडोनेशिया में आज भी हिंदू संस्कृति और मंदिर खूब नजर आते हैं. 


ये भी पढ़ेंः इस सड़क पर 200 किलोमीटर तक नहीं एक भी कट, जानें क्यों नाम पड़ गया डेथ वैली?