गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया के प्लेन क्रैश होने की सूचना है. यह हादसा अहमदाबाद के मेघानीनगर इलाके में हुआ है. बताया जा रहा है कि टेक-ऑफ के तुरंत बाद प्लेन क्रैश हो गया, जिसके बाद लोगों ने आसमान में धुएं का गुबार उठता देखा. बताया जा रहा है कि यह एक यात्री विमान था, हादसे में कई लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है. फिलहाल फायर ब्रिगेड की 7 गाड़ियां मौके पर पहुंच गई हैं और आग बुझाने का काम किया जा रहा है.
अब सवाल यह है कि एयर प्लेन का फ्लूल टैंक कहां पर होता है. क्रैश होने के बाद विमान में आग कैसे लगती है और कहां बैठे यात्रियों को सबसे ज्यादा खतरा होता है. चलिए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ...
यहां स्टोर किया जाता है फ्यूल
हवाई जहाजों का प्रयोग अक्सर लंबी यात्राओं के लिए किया जाता है, ऐसे में उन्हें भारी मात्रा में ईंधन(फ्यूल) की भी जरूरत होती है. अगर आप सोच रहे हैं कि विमान की मेन बॉडी में फ्यूल को स्टोर किया जाता है तो ऐसा नहीं है. फ्यूल को विमानों को दोनों पंखों में स्टोर किया जाता है. इसका भी एक कारण होता है. दरअसल, विमान के इंजन उसके विंग्स में ही लगे होते हैं. ऐसे में यहीं पर फ्यूल स्टोर करने से उसे इंजन तक पहुंचाने में आसानी होती है. इससे प्लेन का वजन भी काफी कम हो जाता है.
बैलेंस बनाने में भी होता है मददगार
किसी भी यात्री विमान के विंग्स उसके बैलेंसिंग में भी काफी काम आते हैं. दरअसल, अगर फ्यूल को मेन बॉडी में भर दिया जाएगा तो इससे बैलेंसिंग बिगड़ जाएगी. मान लीजिए फ्यूल को पिछले हिस्से में भर दिया जाए तो हवा में होने पर विमान का पिछला हिस्सा नीचे झुक जाएगा, वहीं फ्यूल कम होने से पिछला हिस्सा ऊपर उठ जाएगा. इससे हादसे का खतरा भी बढ़ेगा.
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