Air India Flight: अभी हाल ही में बेंगलुरु से वाराणसी जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट में एक यात्री ने बीच में ही कॉकपिट को खोलने की कोशिश की. इसके बाद फ्लाइट में हड़कंप मच गया. हैरानी की बात यह है कि उसे व्यक्ति ने सही पासवर्ड भी डाला. लेकिन कप्तान ने हाईजैकिंग के डर से दरवाजे को नहीं खोला. लैंडिंग के बाद यात्री के साथ बाकी आठ अन्य लोगों को भी सीआईएसएफ को सौंप दिया गया है. इस पूरी घटना ने एक काफी जरूरी सवाल को खड़ा कर दिया है कि कॉकपिट में किसे जाने की अनुमति है और बिना इजाजत के अंदर जाने पर क्या होगा.
कॉकपिट में कौन जा सकता है?
कॉकपिट में सिर्फ ऑपरेटिंग क्रू को जाने की अनुभूति होती है. यानी कि सिर्फ पायलट, को-पायलट और ड्यूटी पर मौजूद फ्लाइट अटेंडेंट ही कॉकपिट में जा सकते हैं. अगर कोई भी दूसरा व्यक्ति (जैसे ट्रेनी या फिर इंस्पेक्टर) कॉकपिट में जाना चाहता है तो उसे उड़ान भरने से पहले डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन से लिखित में एक अनुमति लेनी होती है.
आपको बता दें की उड़ान के समय कॉकपिट हमेशा बंद रहता है और उसमें जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित होता है. कॉकपिट में एंट्री सिर्फ एक सुरक्षित पासवर्ड के जरिए ही संभव हो पाती है जो सिर्फ और सिर्फ क्रू सदस्यों को ही पता होता है.
बिना अनुमति के अंदर जाने पर क्या होगा?
अगर कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के कॉकपिट में प्रवेश करता है तो उसे गंभीर सुरक्षा उल्लंघन के रूप में माना जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस वजह से पूरी उड़ान की सुरक्षा को खतरा होता है. इसी के साथ बिना अनुमति प्रवेश करने वाले व्यक्ति पर आतंकवाद से संबंधित धाराओं के तहत आरोप भी लगाए जा सकते हैं. जिस वजह से बिना अनुमति जाने वाले व्यक्ति को लंबी जेल और भारी जुर्माना भुगतना होगा. इस तरह के मामलों में उड़ान को तुरंत रोक दिया जाता है और साथ ही दोबारा उड़ान भरने से पहले उसकी पूरी जांच की जाती है.
पायलट की जिम्मेदारी
इस मामले में अगर कोई पायलट बिना अनुमति के किसी को अंदर ले जाने का दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ डिसीप्लिनरी एक्शन लिया जाएगा, जिसमें उसका लाइसेंस सस्पेंड या फिर रद्द किया जा सकता है. आम यात्रियों को कभी भी कॉकपिट में जाने की कोई अनुमति नहीं होती. बिना अनुमति के अंदर जाने की कोशिश अपराध मानी जाती है.
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