Agniveer: बारुदी सुरंग में विस्फोट हो जाने से साल की शुरुआत में अग्निवीर अजय कुमार सिंह की मौत हो गई थी, जिसपर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि उनके परिजनों को मुआवजे की राशि नहीं दी गई है. हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक, परिजनों को कहना है कि उन्हें मुआवजे की राशि मिल गई है. वहीं उनके परिजन अब अजय सिंह को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर अग्निवीरों को मुआवजे में क्या दिया जाता है? चलिए जान लेते हैं.
अग्निवीरों को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं?
अग्निपथ योजना के तहत जब किसी युवा की अग्निवीर के रूप में नियुक्ति होती है तो उसे कुछ फायदे भी दिए जाते हैं. जैसे अग्निवीर को 30,000 रुपये से 40,000 रुपये प्रति महीने वेतन दिया जाता है. इसके साथ ही वो जोखिम और कठिनाई भत्ते का हकदार भी होता है. इस योजना में एक सेवा निधि अशंदायी पैकेज भी होता है. जिसके तहत अग्निवीर अपनी मासिक परिलब्धियों का। 30 प्रतिशत योगदान करते हैं और सरकार भी उतनी ही राशि का योगदान करती है. चार साल पूरे होने पर उन्हें पैकेज से लगभग 11.71 लाख रुपये मिलेंगे और इस पर आयकर से छूट मिलेगी.
इसके अलावा अग्निवीरों को ड्यूटी पर मौत हो जाने के मामले में सेवा निधि पैकेज और उस अवधि के लिए पूर्ण वेतन सहित 1 करोड़ से अधिक की राशि दी जाती है. वहीं विकलांगता की स्थिति में वो सैन्य सेवा के कारण उत्पन्न या बढ़ी हुई विकलांगताकी सीमा के आधार पर 44 लाख रुपये तक प्राप्त कर सकते हैं.
नियमित सैनिक और अग्निवीरों को मिलने वाली सुविधाओं में ये होता है अंतर
अग्निवीर और नियमित सैनिकों को मिलने वाली सुविधाओं में सबसे बड़ा अंतर ये होता है कि नियमित सैनिकों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन दी जाती है जबकि नियमित सैनिकों को पैंशन नहीं मिलती. हालांकि जो 25 प्रतिशत अग्निवीर चार साल के बाद सेना में शामिल हो जाएंगे वो सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन पाने का अधिकार रखते हैं. युद्ध में घायल सैनिक के परिवार को फैमिली पेंशन मिलती है, जो जीवन भर प्राप्त अंतिम वेतन के बराबर होती है. खास बात ये है कि इस राशि पर कोई आयकर नहीं लगता है. वहीं अग्निवीर का परिवार सिर्फ 48 लाख रुपये की गैर अंशदायी बीमा राशि के लिए पात्र होता है.
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