हवाई जहाज में यात्रा करना हजारों लोगों का सपना होता है, लेकिन क्या हो अगर यह यात्रा आपकी आखिरी यात्रा बन जाए. हम बात कर रहे हैं 13 साल के उस अफगान लड़के की जिसने कुछ ऐसा ही किया. बीते सोमवार को अफगानिस्तान का एक लड़का अपनी ईरान जाने की उत्सुकता में प्लेन के लैंडिग गियर में छिपकर बैठ गया और दिल्ली एयरपोर्ट जा पहुंचा.
हैरानी की बात यह है कि 36,000 फीट की ऊंचाई पर काफी कम ऑक्सीजन और तेज हवा होने के बावजूद भी वह जिंदा बच निकला. आपको बता दें कि यह कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी कई लोग ऐसा कर चुके हैं, जिनमें ऐसा करने वाले कई लोग बुरी तरह घायल हो गए या तोजान से हाथ धो बैठे. ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि प्लेन में किस जगह छिपकर आ जाते हैं लोग.
प्लेन में छिपने की सीक्रेट जगह
प्लेन में मौजूद लैंडिग गियर असल में वह जगह होती है, जहां अक्सर लोग छिपकर आ जाते हैं. प्लेन के टेकऑफ और लैंडिंग के लिए इसमें लैंडिग गियर बने होते हैं. जब प्लेन जमीन पर होता है तो उसके पहिए बाहर होते हैं, जिस कारण यहां काफी ज्यादा जगह होती है. लेकिन उड़ान भरने के साथ ही ये पहिए लैंडिंग गियर में जाकर मुड़ जाते हैं, जिससे यहां काफी कम जगह बचती है. हालांकि इतनी कम जगह में छिपना बेहद मुश्किल होता है, लेकिन यहां छिपा जा सकता है.
क्यों होता है जान का खतरालैंडिंग गियर में छिपना मतलब अपनी मौत को न्योता देना है, क्योंकि ऊंचाई पर जाते ही प्लेन में तापमान और ऑक्सीजन लेवल बेहद कम हो जाते हैं. साथ ही लैंडिंग गियर में इंजन की आवाज भी काफी तेज होती है, जिससे बेहरे होने का खतरा भी रहता है. इतना ही नहीं प्लेन की लैंडिंग के दौरान वहां छिपे इंसान के कुचलने का खतरा भी होता है. ऐसे में यहां छिपना बेहद रिस्की होता है. इससे पहले भी ऐसे कईी मामले दर्ज किए जा चुके हैं. ऐसा में अक्सर ये घटनाएं सिक्योरिटी में लापरवाही या एमरजेंसी के दौरान ही देखने को मिलती हैं.
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