भारतीय रेलवे ने ट्रेनों में एसी कोच में इजाफा कर रहा है और बड़ी संख्या में यात्री एसी कोच में सफर करना चाह रहे हैं. फर्स्ट एसी, सेकेंड एसी और थर्ड एसी के बाद कुछ एसी इकोनॉमी कोच भी बनाए गए हैं, जिनमें कम किराए में लोग यात्रा कर सकते हैं. आप भी एसी कोच में सफर करते होंगे और एसी कोच से जुड़े कई नियमों के बारे में जानते होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस एसी कोच में बैठकर आप सफर करते हैं, उस ट्रेन में कितने टेम्प्रेचर पर एसी चलता रहता है. अगर नहीं, तो आज जानने की कोशिश करते हैं, इस सवाल का जवाब.


किस आधार पर तय होता है टेम्प्रेचर?


अक्सर लोगों को शिकायत रहती है कि एसी कम चल रहा है या ज्यादा. ऐसे में रेलवे की ओर से एक तय टेम्प्रेचर तय किया गया है, जिस रेंज में भी तापमान रखा जाता है. इसमें भी ये तापमान ट्रेन और ट्रेन के समय के आधार पर चेंज होता रहता है. इसके अलावा ट्रेन के एसी कोच में चलने वाले एसी का तापमान कोच पर भी निर्भर करता है. बता दें कि एलएचबी एसी कोच और नॉन एलएचबी के आधार पर भी एसी का तापमान निर्धारित होता है. 


एलएचबी एसी कोचों का तापमान आम तौर पर 23 डिग्री से बढ़ाकर 25 डिग्री सेल्सियस कर दिया गया है, जिससे यात्रियों को ज्यादा दिक्कत ना हो. इसके लिए जो गैर-एलएचबी एसी कोच हैं, उनमें इलेक्ट्रॉनिक थर्मोस्टैट्स को 24 से 26 डिग्री सेल्सियस की सेटिंग के साथ अपडेट किया गया है. ऐसे में कहा जा सकता है कि ट्रेन में एसी कोच में तापमान में 25 के आसपास टेम्प्रेचर रहता है. 


कितने टन का होता है ट्रेन का एसी?


एसी कोच में एसी कोच के आधार पर लगाया जाता है. जैसे ICF के फर्स्ट एसी कोच में 6.7 टन का एक एसी लगाया जाता है. वहीं, सेकंड एसी की एक बोगी में 5.2 टन के दो एसी लगे होते हैं और थर्ड एसी की एक बोगी में 7 टन के दो एसी लगाए जाते हैं.


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