8th Pay Commission: भारत सरकार द्वारा हर 10 साल में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन भोगियों के वेतन ढांचे, भत्तों, पेंशन की समीक्षा और संशोधन के लिए एक वेतन आयोग का गठन किया जाता है. वर्तमान में केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है. इसी बीच आइए जानते हैं कि 9वें और 10वें वेतन आयोग में सैलरी कैसे बढ़ेगी.
फिटमेंट फैक्टर की भूमिका
वेतन आयोग संशोधन के बाद हर कर्मचारी के वेतन में कितनी वृद्धि की जाएगी यह तय करने में फिटमेंट फैक्टर की एक बड़ी भूमिका होती है. आसान शब्दों में इसका इस्तेमाल मौजूद मूल वेतन से नए मूल वेतन की गणना करने के लिए किया जाता है. सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था.
आठवें वेतन आयोग में अपेक्षित फिटमेंट फैक्टर
आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 और 2.86 के बीच रहने की उम्मीद है. अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक पहुंच जाता है तो केंद्र सरकार के कर्मचारियों के कुल वेतन में 20 से 25% तक की वृद्धि देखने को मिलेगी. उदाहरण के लिए अगर आपका वर्तमान मूल वेतन 18000 रुपए है तो 2.86 फिटमेंट फैक्टर लागू करने के बाद यह लगभग ₹51480 तक बढ़ सकता है.
टेक होम वेतन को बढ़ाने वाले भत्ते
नया मूल वेतन तय होने के बाद बाकी भत्तों की गणना उसके प्रतिशत के रूप में की जाती है. इसमें महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता और परिवहन भत्ता शामिल होते हैं. इन सभी को मिलाकर हर वेतन आयोग के लागू होने के बाद कुल टेक होम वेतन में काफी ज्यादा वृद्धि होती है.
भविष्य के वेतन आयोगों के तहत वेतन वृद्धि
अगर हम 9वें और 10वें वेतन आयोग की बात करें तो उनके लिए भी इसी फिटमेंट फैक्टर आधारित फार्मूले का इस्तेमाल किए जाने की संभावना है. इसी के साथ वेतन आयोग की सिफारिशें सिर्फ कार्यरत कर्मचारियों के लिए ही फायदेमंद नहीं होती, बल्कि पेंशन भोगियों के लिए भी फायदेमंद होती हैं.
इसके अलावा डियरनेस रिलीफ भी होता है जो डीए की तरह ही काम करता है. यह इन्फ्लेशन को संतुलित करने के लिए नियमित रूप से संशोधित किया जाता है. इसी तरह ग्रेच्युटी लाभ भी होता है. जब डीए 50% तक पहुंच जाता है, तब ग्रेच्युटी और कुछ भत्ते अपने आप ही 25% तक बढ़ जाते हैं.
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