8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के कार्यान्वयन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. दरअसल इसके लिए टीओआर तैयार कर ली गई है और आयोग के 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है. इसके बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि देखने को मिलेगी. हालांकि राज्य सरकार के कर्मचारियों को इसका फायदा तुरंत नहीं मिल पाएगा. आइए जानते हैं कि आठवें वेतन आयोग के लागू होने के कितने समय बाद राज्य कर्मचारियों को इसका लाभ मिल पाएगा.
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए कार्यान्वयन की समय सीमा
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए आठवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद की जा रही है. जैसे ही यह लागू हो जाता है पात्र कर्मचारियों के लिए संशोधित वेतनमान, भत्ते और पेंशन के फायदे तुरंत प्रभावी हो जाएंगे. हालांकि पूरा कार्यान्वयन जिसमें बकाया और भत्तों में एडजस्टमेंट शामिल है 2028 तक बढ़ सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रशासनिक और वित्तीय प्रक्रिया में समय लगता है. वेतन आयोग का उद्देश्य इन्फ्लेशन और जीवन यापन की लागत में बदलाव को ध्यान में रखकर हर 10 साल में वेतन को संशोधित करना है.
राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए देरी क्यों
अब क्योंकि वेतन आयोग का गठन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है इस वजह से राज्य सरकार इसकी सिफारिशों को खुद-ब-खुद लागू करने के लिए बाध्य नहीं हैं. हर राज्य स्वतंत्र रूप से फैसला लेता है कि उसे नया वेतन ढांचा कब अपनाना है और अपनाना है भी या नहीं.
कार्यान्वयन का समय किन कारकों पर निर्भर
जो भी मजबूत राजस्व या फिर सरप्लस बजट वाले राज्य होते हैं वे वेतन वृद्धि को जल्दी लागू कर सकते हैं. हालांकि वित्तीय बाधाओं वाले राज्य इसमें देरी कर सकते हैं. इसी के साथ सत्तारूढ़ राज्य सरकार अक्सर कल्याणकारी या फिर चुनावी रणनीतियों के हिस्से के रूप में वेतन संशोधन का इस्तेमाल करती हैं. आपको बता दें कि कई राज्यों को केंद्र के बाद नए वेतन आयोग को लागू करने में 6 महीने से 2 साल तक का समय लग जाता है.
कार्यान्वयन नियम और बकाया राशि
जब भी कोई राज्य सरकार नए वेतन आयोग को अपनाने का निर्णय लेती है तो वह एक अधिसूचना को जारी करती है जिसमें संशोधित वेतनमान लागू होने की तारीख के बारे में जानकारी होती है. हालांकि कार्यान्वयन को बाद में भी किया जा सकता है लेकिन फायदा आमतौर पर इस तारीख से दिए जाते हैं जो कि केंद्र सरकार के लागू होने की तारीख के समान होती है.
इसका सीधा सा मतलब है कि जब वेतन आयोग के फायदे को राज्य द्वारा अंतिम रूप से अनुमोदित किया जाता है तब कर्मचारी को प्रभावी तिथि से पुराने और नए वेतन के बीच के अंतर का बकाया दिया जाता है. राज्य की वित्तीय क्षमता के आधार पर बकाया भुगतान किश्तों में भी किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें: 8वां वेतन आयोग लागू होते ही '0' क्यों हो जाता है महंगाई भत्ता, ये बात नहीं जानते होंगे आप?