इतिहास में आठ अप्रैल का दिन आजादी के लिए कुर्बानी देने वाले लोगों के नाम दर्ज है. साल 1857 में आठ अप्रैल के दिन ही मंगल पांडे को फांसी दी गई थी. वहीं, भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त जैसे आजादी के परवानों ने 8 अप्रैल 1929 को दिल्ली के ‘सेंट्रल असेंबली हॉल’ में बम फेंका था. इस बम धमाके का मकसद किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की तरफ दुनिया का ध्यान खींचना था.
मंगल पांडे ने शुरू की थी आजादी की पहली क्रांति
19 जुलाई 1827 के दिन उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में जन्मे मंगल पांडे महज 18 साल की उम्र में ईस्ट इंडिया कंपनी की 34वीं बंगाल नेटिव इंफैंट्री में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे. उन्हें नौकरी करते हुए एक साल ही बीता था कि उनकी कंपनी में नई एनफील्ड राइफल लाई गई. उस वक्त दावा किया जाता था कि इस राइफल के कारतूस में गाय और सूअर की चर्बी मिली हुई थी. इस राइफल को चलाने के लिए कारतूस को मुंह से काटना पड़ता था, जिसके विरोध में भारतीय सैनिकों ने विद्रोह किया था. इसकी शुरुआत मंगल पांडे ने 29 मार्च 1857 के दिन की थी. इस विद्रोह की सजा के रूप में ऐलान किया गया कि मंगल पांडे को 18 अप्रैल 1857 के दिन फांसी दी जाएगी. हालांकि, अंग्रेजों को डर था कि मंगल पांडे के विद्रोह की चिंगारी पूरे देश में न भड़क जाए. ऐसे में उन्हें 8 अप्रैल 1857 के दिन ही फांसी दे दी गई थी.
भगत सिंह ने अपने साथियों के साथ फेंका था बम
आजादी की लड़ाई के सबसे मजबूत सिपाहियों में शामिल सरदार भगत सिंह ने 8 अप्रैल 1929 के दिन नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश हुकूमत के तत्कालीन सेंट्रल असेंबली सभागार में बम फेंका था. भगत सिंह के साथ सुखदेव और राजगुरु भी मौजूद थे. सेंट्रल असेंबली में बम फेंकने के बाद तीनों क्रांतिकारियों ने भागने की कोशिश नहीं की. इसके बाद अंग्रेजों ने उन्हें पकड़ लिया और तीनों को फांसी दे दी थी.
देश-दुनिया के इतिहास में आठ अप्रैल की तारीख पर दर्ज महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है.
- 1857: ब्रिटिश सरकार के खिलाफ बगावत की चिंगारी भड़काने वाले बैरकपुर रेजीमेंट के सिपाही मंगल पांडे को फांसी दी गई.
- 1894: भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के रचयिता बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय का कलकत्ता में निधन.
- 1929: क्रांतिकारी भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने दिल्ली असेंबली हॉल में बम फेंका और गिरफ्तारी दी.
- 1950: भारत और पाकिस्तान के बीच लियाकत-नेहरू समझौता. यह समझौता दोनों देशों में रह रहे अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने और भविष्य में दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंकाओं को खत्म करने के मकसद से किया गया था.
- 1973: स्पेन के चित्रकार पाब्लो पिकासो का निधन. इन्हें 20वीं शताब्दी का संभवत: सबसे प्रभावी चित्रकार माना जाता है.
- 2013: ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गेरेट थैचर का लंदन में निधन. वह ब्रिटेन ही नहीं, बल्कि किसी भी यूरोपीय देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं और 20वीं शताब्दी में ब्रिटेन की एकमात्र प्रधानमंत्री थीं, जिन्होंने तीन बार लगातार यह पद संभाला.
- 2023: असम के तेजपुर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी.
- 2024: मालदीव की निलंबित मंत्री मरियम शिउना ने भारतीय ध्वज का मखौल उड़ाया. आलोचना के बाद माफी मांगी.
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