देश में साक्षरता दर को लेकर हाल ही मे आंकड़े सामने आए हैं. अब भारत में मिजोरम सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा राज्य बन गया है. मिजोरम ने 100% साक्षरता का दर्जा हासिल कर लिया है, इसकी घोषणा खुद राज्य के मुख्यमंत्री लालदुहोमा की ओर से की गई है. जारी आंकड़ों के अनुसार, मिजोरम ने शिक्षा मंत्रालय द्वारा तय 95% मानक को पार करते हुए 98.2% साक्षरता दर को हासिल कर लिया है. इसके साथ ही मिजोरम देश के सबसे साक्षर राज्यों में टॉप पर है. 

2011 की जनगणना के अनुसार, मिजोरम में 91.33% साक्षरता दर के साथ देश में तीसरे नंबर पर था. अब मिजोरम के बाद इस लिस्ट में लक्षद्वीप, नागालैंड, केरल और मेघालय शामिल हैं. ऐसे में क्या कभी आपने सोचा है कि कोई राज्य अनपढ़ है या पढ़ा-लिखा, यह कैसे तय किया जाता है और देश में कौन यह तय करता है? चलिए जानते हैं? 

इन एजेंसियों के द्वारा होता है सर्वे

भारत सरकार के अधीन कई सरकारी एजेंसियां काम करती हैं, जो समय-समय पर कई तरह के सर्वे करती हैं, जिनसे प्राप्त आंकड़ों के आधार पर सरकार योजनाएं बनाती है. इसके लिए राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय है, जो विभिन्न सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण करता है, जिसमें साक्षरता का आकलन भी किया जाता है. इसके अलावा राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण(NSS) भी देश में सर्वेक्षण करता है. वहीं, कई बार राज्य सरकारों व प्राइवेट एजेंसियों के द्वारा भी सर्वेक्षण किए जाते हैं. 

जनगणना के दौरान भी होता है साक्षरता का सर्वे

भारत में हर 10 साल में जनगणना आयोजित कराई जाती रही है. हालांकि, 2011 के बाद देश में जनगणना नहीं हुई है. जनगणना के दौरान लोगों से उनके साक्षरता के बारे में भी पूछा जाता है और इसके आंकड़े एकत्रित किए जाते हैं, जिनके आधार पर सरकार साक्षरता मिशन चलाती है और एजुकेशन पॉलिसी में भी बदलाव करती है. 

ये हैं देश के 10 सबसे साक्षर राज्य: मिजोरम, लक्षद्वीप, नागालैंड, केरल, मेघालय, त्रिपुरा, चंडीगढ़, गोवा, पुदुचेरी, मणिपुर. 

देश के 10 सबसे कम पढ़े-लिखे राज्य: आंध्र प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखड, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, लद्दाख, जम्मू और कश्मीर. 

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