निर्णय- असत्य




    वीडियो सितंबर 2023 का है और इसमें गोलानी ब्रिगेड के प्रशिक्षण सत्र के दौरान सैनिकों को तोड़फोड़ करते हुए दिखाया गया है.


दावा क्या है? 
इज़राइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध से जुड़ी ढेरों तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इनमें से कई तस्वीरें और वीडियो या तो पुराने हैं या असंबंधित हैं. इसी सिलसिले में एक्स (पूर्व में ट्विटर) और फ़ेसबुक पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वर्दीधारी सैनिक एक कैंप में तोड़फोड़ और हिंसा करते नज़र आ रहे हैं.


इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि हिज़्बुल्लाह के साथ युद्ध की आशंका के चलते तेल अवीव शहर वीरान हो चुका है और इज़राइली सेना के जवानों ने युद्ध से तंग आकर सरकार के ख़िलाफ़ विद्रोह कर दिया है. वायरल पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहांयहांयहां और यहां देखा जा सकता है.




हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि इस वीडियो का हालिया इज़राइल-हमास युद्ध से कोई संबंध नहीं है. यह वीडियो सितंबर 2023 का है जबकि इज़राइल-हमास के बीच युद्ध 7 अक्टूबर, 2023 को शुरू हुआ था.


सच्चाई क्या है? 
जब हमने वीडियो देखा तो पाया कि इस पर टिकटॉक चैनल स्काई न्यूज़ अरेबिया का लोगो मौजूद है. इससे हिंट लेते हुए हमने स्काई न्यूज़ अरेबिया पर वीडियो खोजना शुरू किया और पाया कि यह 7 सितंबर, 2023 को पोस्ट किया गया था. पोस्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, एक प्रशिक्षण सत्र के दौरान गोलानी ब्रिगेड के इज़राइली सैनिकों ने सैन्य अड्डे पर हिंसा की.




वीडियो के डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि एक लीक हुए वीडियो में इज़राइली सैनिकों को उत्तरी कमान के गोलानी ब्रिगेड प्रशिक्षण सत्र के दौरान दंगा करते हुए दिखाया गया है, जहां सशस्त्र युद्ध अभियानों को अंजाम देने वाले सैनिकों को प्रशिक्षित किया जाता है. बाद में, कुछ सैनिकों को सैन्य जेल में डाल दिया गया, लेकिन हिंसा का कारण अज्ञात है.


दरअसल गोलानी ब्रिगेड उत्तरी कमान से जुड़ी इज़राइली सेना के भीतर एक विशिष्ट सेना इकाई है जो ज़मीनी युद्ध में माहिर है.


ईरानी न्यूज़ नेटवर्क प्रेस टीवी की 8 सितंबर, 2023 की रिपोर्ट में बताया गया है, लीक हुए एक वीडियो में गोलानी ब्रिगेड के दर्जनों रैंक और फ़ाइल सैनिकों को संपत्ति की तोड़फोड़ करते और हिंसक मुद्रा में दिखाया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, यह दंगे 4 सितंबर 2023 को हुए थे.


इसके अलावा, हमें यह वीडियो तुर्किश पब्लिक ब्रॉडकास्टर चैनल टीआरटी वर्ल्ड और अरब के स्वतंत्र सेटेलाइट चैनल अल मायादीन के यूट्यूब चैनलों पर 8 सितंबर, 2023 को अपलोड हुआ मिला.




इसके अलावा, हमने वीडियो में दिख रहे फ्लैग और गोलानी ब्रिगेड के इज़राइली सैनिकों के फ्लैग के बीच तुलनात्मक विश्लेषण किया और पाया कि यह झंडा गोलानी ब्रिगेड का है.




द टाइम्स ऑफ़ इज़राइल की 19 अगस्त की एक रिपोर्ट के बताया गया है कि पिछले महीने, इज़राइली वायु सेना प्रमुख ने नेतन्याहू की न्यायिक ओवरहाल योजना के ख़िलाफ़ चल रहे प्रदर्शनों के मद्देनजर कई वरिष्ठ सैन्य रिजर्व बलों को निलंबित कर दिया था.


एसोसिएटेड प्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश की न्यायपालिका में आमूलचूल बदलाव की एक विवादास्पद सरकारी योजना ने इज़राइली जनता के भीतर गहरी दरारें पैदा कर दी हैं. उन दरारों ने सेना में घुसपैठ कर ली है, जहां प्रमुख इकाइयों में आरक्षित सैनिकों ने विधायी परिवर्तनों को आगे बढ़ाने पर ड्यूटी पर नहीं आने की कसम खाई है. 


निर्णय
वायरल वीडियो के साथ यह दावा कि इज़राइली सेना के जवानों ने युद्ध से तंग आकर सरकार के ख़िलाफ़ विद्रोह कर दिया, ग़लत है. क्योंकि यह वीडियो सितंबर, 2023 का है जब गोलानी ब्रिगेड के जवानों ने प्रशिक्षण सत्र के दौरान तोड़फोड़ और हिंसा की थी. इसलिए, हम दावे को ग़लत मानते हैं.