नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज). सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में पुलिसकर्मियों को कुछ युवकों की पिटाई करते हुए देखा जा सकता है. सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इस वीडियो को यूपी का बताकर वायरल कर रहे हैं.

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की जांच की और दावे को भ्रामक पाया. असल में वायरल किया जा रहा वीडियो मध्य प्रदेश के इंदौर का साल 2015 का है. जिसे कुछ यूजर्स यूपी का बताकर गलत दावे से शेयर कर रहे हैं.

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Aman Gupta ने 7 मार्च 2025 को वायरल वीडियो को शेयर किया है और लिखा है,”यूपी में लड़कियों को छेंड़ना कितना भारी पड़ सकता है. इन गुंडो की सात पुश्ते भी याद रखेंगी.”

एक्स यूजर Dilip Kumar Singh ने भी इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है.

https://twitter.com/DilipKu24388061/status/1897683797094568398

पड़ताल

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने वीडियो के कई स्क्रीनशॉट निकाले और उन्हें गूगल लेंस के जरिए सर्च किया. हमें वीडियो से जुड़ी रिपोर्ट hindustantimes.com की वेबसाइट पर मिली. रिपोर्ट को 7 मई 2015 को प्रकाशित किया गया है। दी गई जानकारी के अनुसार, वीडियो इंदौर पुलिस के एंटी गुंडा ड्राइव के दौरान का है.

सर्च के दौरान वायरल वीडियो ABP NEWS के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला. वीडियो को 29 मई 2015 को अपलोड किया गया है. दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो इंदौर का है.

पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़ी पोस्ट UPPOLICE FACT CHECK के एक्स हैंडल पर मिली. 17 जनवरी 2020 को किए गए पोस्ट में लिखा गया,”वीडियो में दिखायी जा रही घटना @UPPolice से संबंधित नहीं है कृपया भ्रामक प्रचार न करें!”

वायरल वीडियो को कई फेसबुक और यूट्यूब चैनल ने लगभग दस साल पहले शेयर किया है. जिन्हे यहां देखा जा सकता है.

वीडियो को हमने इंदौर नईदुनिया के सीनियर रिपोर्टर अश्विन राठौर के साथ शेयर किया. उन्होंने बताया, यह वीडियो पुराना है और इंदौर का है. अंत में हमने वीडियो को शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया. पता चला कि यूजर को 3 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं. यूजर ने स्वयं को लखनऊ का रहने वाला बताया है.

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई. मध्यप्रदेश के इंदौर की घटना को कुछ लोग यूपी का बताकर गलत दावे से शेयर कर रहे हैं. वीडियो इंदौर की पुरानी घटना का है, इसका यूपी से कोई संबंध नहीं है. 

[डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट Shakti Collective के पार्ट के तहत पहले vishvasnews पर छपी थी. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.]