फैक्ट चैक

निर्णय [ भ्रामक ]

यह वीडियो 2022 में तिरुपति में हुई घटना का है और इसका तिरुपति मंदिर में हाल ही में हुई भगदड़ से कोई संबंध नहीं है.

(ट्रिगर वार्निंग: इस स्टोरी में मान विचलित करने वाले दृश्य और विवरण हैं. पाठक विवेक से काम लें.)

दावा क्या है?

आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में भगदड़ के बाद से, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति स्ट्रेचर से शव उठाकर कंधे पर ले जाता है और बाइक की पिछली सीट पर बैठाकर उसे ले जाता है. दावा किया जा रहा है कि तिरुपति भगदड़ के दौरान मारे गए बच्चे के लिए एम्बुलेंस नहीं होने पर, पिता को शव कंधे पर उठाकर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

एक एक्स यूजर ने इस वीडियो को को शेयर करते हुए लिखा, "एक पिता को एम्बुलेंस तक नहीं मिली अपने बेटे के शव के लिए??? तिरुपति हादसे में जान गवाई थी मासूम ने. #TirupatiStampede" इस फ़ैक्ट्-चेक के लिखे जाने तक, पोस्ट को 27,900 से व्यूज़ मिल चुके हैं, 421 बार रीपोस्ट और 800 से ज़्यादा लाइक्स बटोर चुका है. कई अन्य यूज़र्स ने इस वीडियो को इसी तरह के दावों के साथ हैशटैग #TirupatiStampede के साथ शेयर किया है. इन पोस्ट्स के आर्काइव लिंक यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

जनवरी 8, 2025 को हुई भगदड़ में छह लोगों की मौत हो गई और 40 अन्य घायल हो गए. यह घटना तब हुई जब बड़ी संख्या में भक्त प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में होने वाले वार्षिक कार्यक्रम वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए टोकन (टिकट) प्राप्त करने के लिए एकत्र हुए थे, जहां भक्त उत्तरी प्रवेश द्वार से देवता की मूर्ति के दर्शन करने के लिए कतार में खड़े थे.

हालांकि, हमने यह पाया कि वायरल वीडियो तिरुपति का ज़रूर है, लेकिन अप्रैल 2022 की एक घटना से है और इसका हाल ही में तिरुपति भगदड़ से कोई संबंध नहीं है.

सच्चाई कैसे पता चली?

वायरल वीडियो की रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 26 अप्रैल, 2022 को न्यूज़ आउटलेट द न्यू इंडियन एक्सप्रेस (TNIE) आंध्र प्रदेश द्वारा शेयर किया गया एक एक्स-पोस्ट (आर्काइव यहां) मिला . पोस्ट के मुताबिक, वीडियो में एक लड़का दिख रहा है, जिसकी किडनी फेल होने के कारण तिरुपति के रुइया सरकारी अस्पताल में मौत हो गई थी. कथित तौर उसके पिता को अपने बेटे के शव को मोटरसाइकिल पर 90 किलोमीटर दूर अपने गाँव ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि निजी एम्बुलेंस ऑपरेटरों ने किराया कम करने से मना कर दिया था.

हमें यही वीडियो चंद्रबाबू नायडू के एक एक्स-पोस्ट (आर्काइव यहां) पर भी मिला, जो उस समय विपक्ष के नेता थे और अब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. नायडू ने अपने पोस्ट में वाईएस जगन मोहन रेड्डी द्वारा संचालित पिछली सरकार के तहत स्वास्थ्य ढांचे की आलोचना की थी. इससे साफ़ होता है कि वीडियो अप्रैल 2022 से ऑनलाइन मौजूद है.

2022 में न्यू इंडियन एक्सप्रेस आंध्र प्रदेश और चंद्रबाबू नायडू के एक्स-पोस्ट का स्क्रीनशॉट. (सोर्से: एक्स/@ncbn/@xpressandhra)

गूगल सर्च करने पर हमें इस घटना से जुड़ी और जानकारी मिली. द हिंदू की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि यह वीडियो तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर रामनारायण रुइया सरकारी जनरल अस्पताल में रिकॉर्ड किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक़, वीडियो में एक खेतिहर मजदूर को दिखाया गया है, जिसे अपने बेटे के शव को कंधे पर ढोकर बाइक पर पीछे की सीट पर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि वह एम्बुलेंस का खर्च नहीं उठा सकता था. डेक्कन हेराल्ड की एक रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि एम्बुलेंस चालकों ने बच्चे के शव को अस्पताल से 90 किलोमीटर दूर स्थित उनके गांव तक पहुंचाने के लिए पिता से 10,000 रुपये की मांग की थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 वर्षीय लड़के की किडनी और लीवर की बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी.

वीडियो वायरल होने के बाद, अस्पताल की अधीक्षक डॉ. टी भारती को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर डॉ. सरस्वती को निलंबित कर दिया गया था.

स्पष्ट है कि 2022 के एक पुराने वीडियो को ग़लत तरीके से जनवरी 8, 2025 को तिरुपति मंदिर में हुई भगदड़ से जोड़ा जा रहा है.

निर्णय:

यह वीडियो हालिया 2025 तिरुपति भगदड़ से संबंधित नहीं है. यह दरअसल अप्रैल 2022 का है और इसमें एक पिता को अपने मृत बच्चे को बाइक पर ले जाते हुए दिखाया गया है, जिसकी किडनी की बीमारी से मृत्यु हो गई थी. क्योंकि तिरुपति के रुइया सरकारी अस्पताल में निजी एम्बुलेंस संचालकों ने अपने किराए को कम करने से मना कर दिया था.

[डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले Logically Facts पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.]