अगर आप नौकरीपेशा हैं और लॉकडाउन के दौरान घर से काम कर रहे हैं, तो आपको जूम ऐप के बारे में ज़रूर पता होगा. ये एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप है, जिसकी लोकप्रियता इसी लॉकडाउन के दौरान ज्यादा बढ़ी है. इतनी ज्यादा कि इसने पुराने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप स्काइप को भी पीछे छोड़ दिया है. लेकिन इस ऐप का इस्तेमाल करना खतरनाक है. इसके बारे में रिपोर्ट्स आ रही हैं कि इस ऐप को हैकर हैक करके आपके पर्सनल डाटा को चोरी कर सकते हैं. इंडिया में तो कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम और नेशनल साइबर सिक्योरिटी एजेंसी ने यहां तक कहा है कि ऐप के जरिए अपराधी सराकरी और प्राइवेट डाटा को लीक कर सकते हैं और उसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं.
अभी भारत में इसकी आशंका जताई जा रही थी, लेकिन सिंगापुर में हैकरों ने कांड कर दिया. इतना बड़ा कांड किया कि सिंगापुर की सरकार ने इस ऐप को ही बैन कर दिया. दरअसल सिंगापुर में भी लॉकडाउन चल रहा है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े, इसलिए स्कूलों ने जूम ऐप के जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया. पिछले हफ्ते बच्चे भूगोली की क्लास ले ही रहे थे कि हैकरों ने ऐप को हैक कर लिया और लाइव स्ट्रीमिंग के दौरान ही अश्लील तस्वीरें चला दीं. जब प्रशासन को इसकी खबर लगी, तो इस ऐप को तुरंत ही बैन करने का फैसला ले लिया गया.
सिंगापुर के शिक्षा मंत्री आरोन लोह ने बताया कि मंत्रालय इस पूरी घटना की जांच कर रहा है और इस मामले की पुलिस में रिपोर्ट की जाएगी. साथ ही इस ऐप के सिक्योरिटी फीचर्स को भी दुरुस्त करने की कोशिश हो रही है. और जब तक सिक्योरिटी फीचर्स ठीक नहीं हो जाते, स्कूल के टीचर इस ऐप का इस्तेमाल नहीं करेंगे.
वहीं इस ऐप को बनाने वाली कंपनी की चीफ मार्केटिंग ऑफिसर जेनी पेलोसी ने अंग्रेजी अखबार द गार्जियन को भेजे एक मेल में कहा है कि कंपनी ऐप की खामी को दूर करने की कोशिश कर रही है. और जहां तक एजुकेशन सेक्टर की बात है, तो उसमें इस तरह का बदलाव किया गया है कि सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने वाला ही स्क्रीन ऑन कर सकता है. बाकी अगर कोई कोशिश करेगा तो उसे वेटिंग रूम दिखेगा और होस्ट के ओके करने पर ही वो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जॉइन कर सकता है.
हालांकि गूगल कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए इस ऐप को बैन कर रखा है. वहीं ताइवान देश में भी ये ऐप बैन है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने अपने यहां काम करने वालों के लिए इस ऐप का इस्तेमाल प्रतिबंधित कर रखा है. अमेरिका की सिनेट, आस्ट्रेलिया का रक्षा मंत्रालय, जर्मनी का विदेश मंत्रालय और न्यू यॉर्क के शिक्षा विभाग में भी इस ऐप का इस्तेमाल प्रतिबंधित कर दिया गया है.