कोरोना महामारी की वजह से दुनिया के कई देशों ने अपने यहां लॉकडाउन कर रखा है. और इस लॉकडाउन की वजह से अब उन देशों में ज़रूरी सामान की भी किल्लत होने लगी है. और जिन सामानों की किल्लत आम तौर पर दुनिया के तमाम देशों में हो रही है, उनमें गर्भ निरोधक गोलियां और कॉन्डम भी हैं. अब ज़रूरी चीजों की किल्लत की बात तो समझ में आती है. लेकिन पूरी दुनिया में कॉन्डम और गर्भ निरोधक गोलियों की कमी क्यों हो गई है, इसे समझने की कोशिश करते हैं.

दुनिया में बनने वाले हर पांचवे कॉन्डम में से एक कॉन्डम मलेशियाई कंपनी क़ॉरेक्स बीएचडी का होता है, जो ड्यूरेक्स नाम से कॉन्डम बनाती है. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से पिछले दो हफ्ते से ये कंपनी एक भी कॉन्डम नहीं बना पाई है. उम्मीद जताई जा रही है कि कंपनी सरकार की इजाजत से अपने 50 फीसदी वर्कर के साथ कंपनी में उत्पादन शुरू कर सकती है, लेकिन अभी तक ऐसा होता संभव नहीं दिख रहा है.

चूंकि अधिकांश देशों ने अपने यहां लॉकडाउन घोषित कर रखा है और लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं, तो वो अनचाहे गर्भ से बचने के लिए कॉन्डम और गर्भनिरोधक दवाइयों की मांग कर रहे हैं. रिपोर्ट्स का दावा है कि प्रोडक्शन घटने और अचानक से मांग बढ़ जाने की वजह से पूरी दुनिया के देशों में कॉन्डम और गर्भ निरोधक दवाइयों की कमी हो गई है.

हालांकि कुछ देशों की कंपनियां इसका फायदा भी उठा रही हैं. उदाहरण के लिए थाइलैंड की कंपनी थाई निपॉन. जब दूसरे देशों की कंपनियों में कॉन्डम का उत्पादन बंद हो गया है, तो इस कंपनी ने अपने सालाना उत्पादन में 27 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है. इसके अलावा गर्भ निरोधक गोलियों की भी किल्लत बढ़ती जा रही है और इसके लिए जिम्मेदार हैं भारत और चीन. चीन ऐसा देश है, जो गर्भ निरोधक समेत तमाम दवाइयों को बनाने के काम में आने वाले ऐक्टिव फॉर्मास्यूटिकल इन्ग्रीडेंट्स को बनाता है. अब उसके यहां फैक्ट्रियां बंद पड़ी हैं, तो इन इन्ग्रीडेंट्स का बनना भी बंद हो गया है, जिसका सीधा असर दवाओं के उत्पादन पर पड़ रहा है. चीन के अलावा भारत दवाएं बनाने वाला बड़ा देश है. लेकिन चीन में इन्ग्रीडेंट्स बनने बंद होने से भारत में भी कच्चे माल की कमी हो गई है और इसका सीधा असर दवाओं के उत्पादन पर पड़ रहा है.

रही बात किसी देश के पास पड़े हुए स्टॉक की, तो वो है. लेकिन ट्रांसपोर्टेशन के तमाम साधन बंद हैं. फ्लाइट्स से लेकर शिप तक बंद पड़े हैं और इसी वजह से जिस देश के पास स्टॉक है, उसका भी निर्यात नहीं हो पा रहा है. और नतीजा ये है कि पूरी दुनिया के देशों में कॉन्डम और गर्भनिरोधक गोलियों समेत कई ज़रूरी दवाओं की किल्लत हो गई है.