Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी आजकल देशभर में घूम-टहल रहे हैं. मतलब भारत जोड़ो यात्रा लेकर राहुल अब हिंदी पट्टी के राज्यों में प्रवेश कर चुके हैं. 3 जनवरी से 5 जनवरी तक उनकी यात्रा उत्तर प्रदेश के भ्रमण पर रही लेकिन उत्तर प्रदेश में राहुल के आते ही 1-2 चीजें ऐसी हो गई हैं कि पहली नजर में तो यकीन करना मुश्किल हो रहा है. वो ऐसे कि भई जब धुर विरोधी आपकी तारीफ करने लग जाए तो बात पचने में वक्त तो लगेगा न.


अब हम ऐसा कह क्यों रहे हैं उस पर भी आ जाते हैं. दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी का समर्थन मिल गया है. राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने राहुल गांधी को एक पत्र भेजा है जिसमें उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा की सफलता के लिए राहुल गांधी को शुभकामनाएं दी हैं.


इस पत्र में उन्होंने लिखा है... 


'आपकी जो ये देश जोड़ने की यात्रा है वो पूर्ण हो. जो लक्ष्य लेकर आप चल रहे हैं उसमें आपको सफलता मिले. देश के हित में जो भी कार्य कर रहे हैं वो वास्तव में सर्वजन सुखाय सर्वजन हिताय हैं. हमारी मंगल कामना है कि आपकी यात्रा सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य को प्राप्त करें.'


उधर, आयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय भी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के समर्थन में उतर आए हैं. उन्होंने कहा कि 'देश में पैदल चल रहे एक युवक का मैं आभार व्यक्त करता हूं, मैं उसके इस कदम की सराहना करता हूं. ये प्रशंसा की बात है कि एक युवक इतनी ठंड में चल रहा है. इसमें गलत क्या है? इसकी सराहना की जानी चाहिए. मैं आरएसएस का कार्यकर्ता हूं और आरएसएस कभी भी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की निंदा नहीं करता. क्या वहां से किसी ने राहुल की यात्रा की आलोचना की है? क्या प्रधानमंत्री ने मंत्री ने उनकी आलोचना की?’ 


जेपी नड्डा ने दरगाह पर चढ़ाई थी चादर


इन दो बड़े हिंदू चेहरों के राहुल की यात्रा को समर्थन देने के कई सारे मायने निकाले जा रहे हैं. ये सवाल भी उठ रहा है कि  जिस तरफ से राहुल मंदिर मंदिर दर्शन भी कर रहे हैं उससे क्या राहुल बीजेपी के हिंदू वोटों पर सेंध मारने की तैयारी में जुटे हैं. उधर, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी दरगाह पर चादर चढ़ाने नजर आए हैं जिसपर कांग्रेस ने भी कटाक्ष करने का मौका नहीं छोड़ा. ऐसे में ये तो स्पष्ट है पार्टी कोई भी क्यों न हो वोटों के लिए हर दांव पेंच का इस्तेमाल करेंगे. 


वैसे राहुल की भारत जोड़ो यात्रा की आलोचना करने वालों की भी कमी नहीं है. कोई इसे फ्लॉप शो बोल रहा है, तो कोई विपक्ष जोड़ो यात्रा


कई बड़े नाम शामिल हुए यात्रा में...


अब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर जो भी जैसे भी रिएक्शन आ रहे हों उससे एक तो मतलब साफ हो गया है कि कोई भले ही राहुल की इस यात्रा का समर्थन करें या नहीं, लेकिन जैसा माहौल इस यात्रा ने बना दिया है. उससे ये तो साफ है कि कोई मौजूदा समय में राहुल गांधी को इग्नोर तो नहीं कर सकता है.


क्योंकि इतने बड़े बड़े नाम राहुल की यात्रा में शामिल हुए हैं जिन चेहरों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. जैसे रॉ के पूर्व प्रमुख ए एस दुलत, जो राहुल गांधी की यात्रा में शामिल हुए. जिसपर बीजेपी ने भी कटाक्ष कसा और कहा, कोई व्यक्ति कितना भी कुशल क्यों ना हो कांग्रेस की संगति में जाता है तो पता नहीं उसे क्या हो जाता है.



बॉलीवुड हस्तियां भी हुई शामिल


RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, महात्मा गांधी के परपोते और लोकप्रिय लेखक तुषार गांधी, नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, प्रसिद्ध बॉलीवुड एक्टर अमोल पालेकर और उनकी पत्नी संध्या गोखले संग इस यात्रा में शामिल हुए. इनके अलावा बॉलीवुड की कई बड़ी हस्तियां जैसे पूजा भट्ट, स्वरा भास्कर, रिया सेन, सुशांत सिंह, काम्या पंजाबी शामिल हुई हैं. 


इस साल होने हैं 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव


उधर जिस तरह से RLD प्रमुख जयंत चौधरी ने राहुल गांधी को तपस्वी बताकर भारत जोड़ो यात्रा को खुला समर्थन दे दे दिया है. अखिलेश और मायावती की तरफ से भी समर्थन और शुभकामनाएं संदेश मिले हैं. उससे ये मान कर तो चला जा सकता कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के जरिये 2024 के आम चुनाव के लिए बंदोबस्त में लगे हुए हैं या कहे कोई पुख्ता इंतजाम कर चुके हैं. ये भी हो सकता है कि इस यात्रा के जरिए जो फसल राहुल ने बोई है उसे काटने का मौका  2023 में मिल जाए. 


वो ऐसे क्योंकि, इसी साल नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. साल की शुरूआत में चार राज्यों में चुनाव हैं, जबकि साल के अंत में पांच राज्यों में चुनाव हैं. दक्षिण भारत के कर्नाटक और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होंगे. पूर्वात्तर के मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड और मिजोरम में चुनाव होने हैं. जबकि हिंदी पट्टी के तीन बड़े राज्यों-  मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी चुनाव होने हैं.


कन्याकुमारी से शुरू हुई थी यात्रा


बता दें कि राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' पिछले साल सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी में शुरू हुई थी और अब तक 10 राज्यों से गुजरते हुए 2,800 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुकी है. इस महीने ये यात्रा कश्मीर में समाप्त होगी. 3 जनवरी को यात्रा यूपी पहुंची है. जहां पांच जनवरी की शाम पानीपत के सनौली होते हुए 'भारत जोड़ो यात्रा' हरियाणा में प्रवेश कर लिया है.


बहरहाल, अब देखना होगा कि भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस के पुनर्जन्म में कितनी कारगर साबित होती है. ऐसा हम इसलिए भी रह रहे हैं क्योंकि जिस तरफ से तमाम विपक्षी दलों द्वारा इस यात्रा को समर्थन मिल रहा है. वो यही दर्शा रहा है कि 2024 में बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल लामबंद हो रहे हैं.