पूरी दुनिया में फिलहाल 18 लाख से भी ज्यादा लोग कोरोना पॉजिटिव हैं. करीब एक लाख 15 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. कुछ देशों में स्थितियां लगातार भयावह होती जा रही हैं, तो वहीं कुछ देशों ने थोड़ा ही सही, लेकिन इस बीमारी पर कंट्रोल पाना शुरू कर दिया है. और ऐसे में एक दिलचस्प आंकड़ा सामने आया है, जो कहता है कि दुनिया के जिन देशों में महिलाएं लीडिंग पोजिशन में हैं, वहां पर कोरोना और दूसरे देशों के मुकाबले नियंत्रित स्थिति में है. इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चा हो रही है.

इस लिस्ट में पहला नाम है जर्मनी का. जर्मनी की चांसलर हैं एंजेला मर्केल. जर्मनी में कोरोना के कुल 1,27,854 मामले सामने आए हैं. 3022 लोगों की मौत हुई है और 52,889 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं. मर्केल ने 11 मार्च को ही लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग की सलाह दी थी और अपने देश के लोगों को इस खतरनाक बीमारी के बारे में आगाह कर दिया था. कहा था कि अगर लोग सचेत नहीं होंगे तो जर्मनी का हर तीन में से दो नागरिक कोरोना से संक्रमित हो जाएगा. मर्केल ने हर हफ्ते पांच लाख लोगों के टेस्ट करवाने शुरू किए, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना शुरू किया और कोरोना को लेकर स्पेशल आर्थिक पैकेज जारी किया.

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री हैं जैकिंडा आर्डेन. वहां पर कोरोना के कुल 1064 मामले सामने आए थे, जिनमें से 546 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं. पांच लोगों की मौत हुई है. जब इस देश में कोरोना के 200 से भी कम मामले सामने आए थे, जैकिंडा आर्डेन ने देश में आपातकाल लगा दिया था. कहा था कि देश के लोग इस तरह व्यवहार करें मानो उन्हें कोरोना का संक्रमण हो गया है. और इस तरह से न्यूज़ीलैंड ने कोरोना को फैलने से रोक दिया था. न्यूजीलैंड में जांच का दायरा बड़ा कर दिया है. इसके वावजूद पिछले चार दिनों में कुल 54 मामले सामने आए हैं, जबकि 65 लोग ठीक होकर घर चले गए हैं. यानि बीमार होने वालों से ठीक होने वालों की संख्या ज्यादा है.

बेल्जियम के साथ भी ऐसा ही है. बेल्जियम की प्रधानमंत्री हैं सोफी विल्मेस. बेल्जियम में कोरोना के कुल केस हैं 29,647. 6463 लोग ठीक होकर अपने घर चले गए हैं और 3600 लोगों की मौत हो चुकी है. बेल्जियम में जब मौतों का आंकड़ा 10 पर पहुंचा था, तभी सोफी ने लॉकडाउन कर दिया था. शुरुआत में बेल्जियम में मौतें ज्यादा हुईं, लेकिन उसके बाद मौत की दर 50 फीसदी तक घट गई. फिलहाल बेल्जियम में रिकवरी रेट करीब 67 फीसदी तक हो गया है.

फिनलैंड की भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है. फिनलैंड की प्रधानमंत्री हैं सना मरीन. फिनलैंड में कोरोना के कुल 2974 मामले सामने आए हैं. कुल 56 लोगों की मौत हुई है और अभी तक 300 मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है. इसी को देखते हुए फिललैंड ने अगले एक महीने के लिए प्रतिबंधों को बढ़ा दिया है. अब फिनलैंड में 13 मई तक स्कूल बंद रहेंगे और 10 से ज्यादा लोगों के एक साथ मिलने पर प्रतिबंध रहेगा.

कैटरीन जैकोब्सडोटीर के नेतृत्व वाले देश आइलैंड में फिलहाल कोरोना के कुल 1701 मामले सामने आए हैं. 8 लोगों की मौत भी हुई है. 2 अप्रैल के बाद से आइलैंड में कोरोना संक्रमितों का आंकडा घटना शुरू हो गया है. कैटरीन ने कोरोना से निपटने के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की है. बिजनेस करने वालों को लोन दिया गया है. वहीं जिनकी सैलरी नहीं मिली है, उन्हें अगले ढाई महीने की सैलरी दी गई है.

डेनमार्क में कोरोना के कुल केस हैं 6,174. वहां पर अभी तक कुल 273 लोगों की मौत हुई है. वहां की प्रधानमंत्री हैं मेट्टी फ्रेडरिक्सन. उन्होंने देश में तीन हफ्ते का लॉकडाउन लगाया था. अब वहां 15 अप्रैल से स्कूलों को खोलने की तैयारी है. लॉकडाउन से पहले ही डेनमार्क ने सार्वजनिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दे दिया था और बॉर्डर को सील कर दिया था. डेनमार्क पहला ऐसा देश था, जिसने प्राइवेट कंपनी में काम करने वालों को उनकी सैलरी का 75 फीसदी हिस्सा देने की बात कही थी.

कोरोना से लड़ने की बेहतरीन कोशिश करने वाले देशों में ताइवान का भी नाम है. यहां की प्रधानमंत्री सू सेंग चांग ने 31 दिसंबर, 2019 को ही ये आदेश दे दिया था कि वुहान से लौटे किसी भी नागरिक की जांच की जाएगी. जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 30 दिसंबर को कहा था कि वायरस इंसान से इंसान में ट्रांसफर हो सकता है. अब ताइवान की स्थिति ये है कि वहां पर कोरोना के कुल 388 केस हैं, जिनमें से 109 ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं. वहीं इस देश में मात्र 6 लोगों की मौत हुई है.

लेकिन सिर्फ ये कहना कि जिन देशों की कमान महिलाओं के हाथ में है, वहीं पर कोरोना से लड़ने में सफलता मिली है, अतिशयोक्ति होगी. हमारे सामने जापान और दक्षिण कोरिया का भी उदाहरण है. दोनों ही देशों की कमान पुरुषों के हाथ में है, लेकिन इन दोनों देशों ने भी कोरोना को मात देने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी है.