फिल्म गदर एक प्रेमकथा रिलीज होने से पहले ही इतनी चर्चा में आ चुकी थी कि लोग फिल्म का इंतजार महीने भर पहले से कर रहे थे. जी हां, कम लोगों को ही पता है कि गदर एक प्रेमकथा एक सच्ची कहानी पर आधारित है. ये फिल्म द्वितीय विश्व युद्द के दौरान बर्मा (अब म्यांमार) में ब्रिटिश सेना में नौकरी करने वाले फौजी बूटा सिंह की प्रेम कहानी पर. बंटवारे के वक्त जब सांप्रदायिक दंगे शुरू हुए तो उसने एक मुस्लिम लड़की की जान बचाई थी. दोनों में प्यार हुआ और दोनों ने शादी कर ली. बाद में लड़की की शिनाख्त होने पर उसे नए नए बने पाकिस्तान भेज दिया गया. बूटा सिंह अपनी पत्नी को लाने पाकिस्तान चला गया बिना जरूरी कागजात के. लड़की पर घर वालों का दबाव पड़ा तो उसने वापस भारत आने से मना कर दिया.

कारगिल युद्ध के चलते देश में पाकिस्तान के खिलाफ लोगों में नफरत फैल ही रही थी और ऐसे में अनिल शर्मा को मिल गई ये कहानी. फिर अनिल शर्मा ने सनी देओल से बात की. अनिल शर्मा ने इसके लिए धर्मेंद्र की मदद ली और धर्मेंद्र के कहने पर ही सनी देओल ने ये कहानी सुनी.

सनी देओल बताते हैं, “हां, ये फिल्म लेकर मेरे पास नितिन केनी, अनिल शर्मा जी, कमल मुकुट और शक्तिमान आए थे. कहानी मुझे अच्छी लगी और मैंने तुरंत ही इसके लिए हां भी कर दी. लेकिन उन दिनों मेरे पास फिल्में इतनी थीं कि इस फिल्म के लिए समय निकालना बहुत मुश्किल हो रहा था, लेकिन फिर किसी तरह ये फिल्म बनी और बहुत अच्छी फिल्म बनी.”

कम लोगों को ही पता होगा कि फिल्म के राइटर शक्तिमान और निर्देशक अनिल शर्मा ने फिल्म गदर एक प्रेमकथा के अंत में बूटा सिंह की ओरीजनल कहानी को 180 डिग्री घुमा दिया था यानी कि फिल्म की स्क्रिप्ट के हिसाब से फिल्म की हीरोइन सकीना को मर जाना था. लेकिन, फिल्म की शूटिंग के वक्त सनी देओल ने इस फिल्म का क्लाइमेक्स बदल दिया.

सनी देओल बताते हैं, “फिल्म की ओरीजनल कहानी ये थी कि गोली लगने से सकीना की मौत हो जाएगी. लेकिन इस बारे में जब हमने आपस में चर्चा की तो लगा कि इससे पब्लिक नाराज हो सकती है और प्रेमकथा के इस अंत को लेकर ही गदर मच जाएगा तो हमने फिल्म को सुखांत रखने का फैसला किया.” 

सनी देओल कहते हैं, “फिल्म गदर के मेकर्स की तिजोरियां भर गई थीं, इस फिल्म से. फिल्म इतनी बड़ी हिट साबित हुई कि खुद इसके मेकर्स को इसकी वजह समझ नहीं आ रही थी. लेकिन मेरे लिए फिल्म का इतना ज्यादा कामयाब होना दूसरी तरह की दिक्कतें लेकर आया. कई साल तक मेरे पास ऐसे फिल्मों के ऑफर्स आते रहे जिसमें हीरो का किरदार तारा सिंह जैसा ही या उसके आसपास का था. लोगों ने मेरा जो रौद्र रूप परदे पर देखा, उसने मेरी एक अलग छवि बना ली. इस छवि से बाहर निकलने में मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी लेकिन आखिरकार मैंने ये करने में भी कामयाबी पाई.”

फिल्म गदर एक प्रेमकथा का सबसे इमोशनल सीन भी एक लंबे एक्शन सीक्वेंस के बाद आता है जब तारा सिंह तलवार से अपना हाथ चीरकर सकीना के मांग में सिंदूर भर देता है.

अमीषा पटेल का सकीना बेगम के तौर पर चयन होने से पहले निर्देशक अनिल शर्मा ने सैकड़ों लड़कियों का ऑडीशन लिया था. फिल्म की शूटिंग के दौरान अमीषा को काफी मेहनत करनी पड़ी क्योंकि गदर एक प्रेमकथा एक पीरियड फिल्म थी और अमीषा का किरदार एक मुस्लिम लड़की का था. छह महीने तक लगातार अमीषा की फिल्म के संवादों के लिए ट्रेनिंग चली.