रणवीर सिंह की हालिया रिलीज फिल्म धुरंधर को लेकर खूब चर्चा हो रही है. जहां एक तरफ फिल्म को खूब सराहा जा रहा है तो वहीं कई लोग फिल्म में मौजूद वॉयलेंस का विरोध भी कर रहे हैं. इस बीच टीवी एक्ट्रेस और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने धुरंधर का सपोर्ट किया है. उन्होंने एक पोस्ट करते हुए फिल्म की तारीफ की है और रणवीर सिंह समेत बाकी स्टार कास्ट को भी सराहा है.
स्मृति ईरानी ने इंस्टाग्राम पर धुरंधर का एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें फिल्म की पूरी स्टार कास्ट नजर आ रही है. इसके साथ कैप्शन में उन्होंने लिखा- 'अगर आपने किसी शहीद सैनिक की पत्नी की आंखों में आंखें डालकर उन्हें श्मशान घाट तक पहुंचाया है, अगर आपने जम्मू के जगती कैंप का दौरा किया है, अगर आपने श्रीनगर में शारिका देवी के सुनसान मंदिर परिसर को देखा है, अगर आप संसद पर हमले के दौरान ड्यूटी पर तैनात लोगों से मिले हैं या आपके परिवार के सदस्य 26/11 मुंबई हमले में बच गए हैं, तो धुरंधर में आपको गुस्से की कोई वजह नहीं दिखनी चाहिए. आखिर ये सिर्फ एक फिल्म है.'
रणवीर सिंह और अर्जुन रामपाल को सराहास्मृति ने आगे लिखा- 'एक कहानीकार के तौर पर आदित्य धर एक एक्सीलेंट क्राफ्टपर्सन हैं और रिसर्च के मामले में तो और भी ज्यादा. अपने मृत बेटे के चेहरे से कफन हटाते समय अक्षय खन्ना के चेहरे पर जो कंपन दिखाई देता है, वही उनकी एक्टिंग को आर्ट का एक्सीलेंट सैंपल बनाता है. रणवीर सिंह की भेदक आंखें, जो बिना बोले भी बोलती हैं, उन लोगों के लिए जरूर देखने के काबिल हैं जो अपनी विरासत को कायम रखने के लिए लगातार कोशिश कर हैं. अर्जुन रामपाल का इतनी खौफनाक एक्टिंग देखना एक अद्भुत एक्सपीरियंस है... और म्यूजिक तो कमाल का है!'
'ये जी हुई और खोई हुई जिंदगी की गूंज है....'दिग्गज एक्ट्रेस आगे लिखती हैं- 'जब एक निर्देशक का जुनून मुकेश (मुकेश छाबरा) जैसे टैलेंटेड कास्टिंग डायरेक्टर की पैनी नजर से मिलता है, तो आप निश्चिंत हो सकते हैं कि पर्दे पर धमाका होगा. धुरंधर सिर्फ एक फिल्म नहीं है- ये जी हुई और खोई हुई जिंदगी की गूंज है; और अगर सिनेमा आपको इतना गहरा एहसास करा सकता है, तो शायद आपको गुस्से से कहीं ज्यादा इसका कर्जदार होना चाहिए. मेरे जैसे जिन लोगों को अजीत डोवाल जैसे दिग्गज के करीब रहने का सौभाग्य मिला है, उन्हें शायद एक्टर आर माधवन को उनका फिल्मी किरदार निभाते देखना थोड़ा अजीब लगे, लेकिन उनसे बेहतर एक्टर कोई नहीं हो सकता था जो इतनी शांति से अपने भीतर के तूफान को संभाल सके.'
स्मृति ईरानी ने आखिर में लिखा- 'उन सभी ज्ञात और अज्ञात पुरुषों और महिलाओं को, जिन्होंने हमारी रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाई और जो आज भी हर भारतीय के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे हैं-, धन्यवाद; हमारा राष्ट्र आपको उच्च सम्मान देता है और आपका सदा कर्जदार रहेगा.'