'पवित्र रिश्ता' और 'धोनी' के को-स्टार ने सुशांत सिंह राजपूत को कुछ यूं किया याद
सीरियल 'पवित्र रिश्ता' में सुशांत के साथ कई एपिसोड्स और फिल्म 'धोनी' में सुशांत के साथ कुछ सीन्स में काम करनेवाले अभिनेता खालिद सैयद ने उनकी शख्सियत की कुछ खास बातें बताकर उन्हें याद किया.

मुम्बई: सीरियल की दुनिया से लेकर बॉलीवुड के आसमान पर चमकने तक सुशांत सिंह राजपूत ने अपनी जिंदगी में एक लम्बा सफर तय किया था. सीरियल 'पवित्र रिश्ता' में सुशांत के साथ कई एपिसोड्स और फिल्म 'धोनी' में सुशांत के साथ कुछ सीन्स में काम करनेवाले अभिनेता खालिद सैयद ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में उनकी शख्सियत की कुछ खास बातें बताकर उन्हें याद किया.
खालिद ने कहा कि फुर्सत के पलों में वे सुशांत को गाने सुनाया करते थे और सुशांत को उनसे 'जिंदगी की यही रीत है और हार के बाद ही जीत है', यह गाना बार-बार सुनना बेहद पसंद था और उनके मुंह से यह गाना सुनकर बेहद खुश हो जाया करते थे.
सुशांत की विनम्रता की एक मिसाल पेश करते हुए खालिद सैय्यद ने बताया कि 'पवित्र रिश्ता' के सेट पर जब एक बार स्पॉटबॉय दोनों के लिए कॉफी लेकर आया, तो सुशांत ने उसके हाथ से कॉफी का एक कप लेकर पहले उन्हें दिया था. उनकी यह बात आज भी खालिद को अच्छी तरह से याद है. सुशांत को खालिद से उर्दू के नये नये लफ्ज सीखने और उनके मतलब जानने का भी शौक था.
खालिद ने सुशांत के बांद्रा स्थित घर के पास ही रहते हैं और जनवरी महीने में मॉर्निंग वॉक के दौरान उनकी मुलाकात सुशांत से उस वक्त हो गयी थी, जब सुशांत कार से कहीं जा रहे थे. दोनों में सामान्य तरह की बातें हुईं. खालिद कहते हैं कि उन्हें नहीं लगता है कि सुशांत किसी तरह के डिप्रेशन का शिकार थे और उन्होंने आत्महत्या की होगी.
खालिद ने सुशांत की ऐसी ही तमाम यादों को साझा करते हुए कहा, "सुशांत एक बेहद खुशमिजाज और जिंदादिल इंसान थे और सेट्स पर भी वो हमेशा हंसते-मुस्कुराते रहते थे. खालिद कहते हैं कि सुशांत सभी से बड़ी ही गर्मजोशी से मिला करते थे और किसी में फर्क नहीं करते थे. खालिद का कहना है कि सुशांत आसमान की बुलंदियों को छूना चाहते थे और खुलकर जीना चाहते थे और ऐसा शख्स कभी आत्महत्या नहीं कर सकता है.
खालिद कहते हैं कि सुशांत की मौत का मामला संदिग्ध है और उनकी गर्लफ्रेंड रही रिया चक्रवर्ती उनकी मौत की जिम्मेदार हो सकती हैं, जिनका सच सीबीआई की जांच से सामने आएगा. खालिद चाहते हैं कि सुशांत की असामान्य मौत के लिए जो कोई भी जिम्मेदार हैं, उनमें से किसी को भी नहीं बख्शा जाना चाहिए.
सुशांत को याद करते हुए खालिद सैय्यद ने अंत मे। एबीपी न्यूज़ के कैमरे पर सुशांत को 'जिंदगी के सफर में गुजर जाते हैं जो मकाम, वो फिर नहीं आते...' गाकर भी सुनाया. खालिद के मन में सुशांत के जिंदगी से यूं अचानक चले जाने का अफसोस ताउम्र रहेगा.
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