मुम्बई : लोकप्रिय स्टैंडअप कॉमेडियन सुनील पाल ने कोरोना बीमारी के साथ-साथ कोरोना से संक्रमित होनेवाले मरीजों का इलाज करनेवाले तमाम डॉक्टरों पर फर्जीवाड़ा का इल्जाम लगाते  हुए विवादित बयानों वाला एक वीडियो जारी किया तो इसपर‌ कड़ी आपत्ति जताते हुए एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों के एसोसिएशन ने‌ सुनील पाल की गिरफ्तारी की मांग कर डाली. 

 

सुनील पाल ने एक वीडियो बनाया जिसमें उन्होंने अधिकांश डॉक्टरों को 'चोर' ठहराते हुए कहा कि कोरोना के‌ इलाज में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है और इलाज के बहाने बेईमान किस्म के डॉक्टर गरीब कोरोना मरीजों को लूट रहे हैं.

 

सुनील पाल इस वीडियो में डॉक्टरों के लिए 'चोर', 'शैतान' और 'बेईमान' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए सरकार से आग्रह गुहार लगाते हुए कहते हैं कि तमाम अस्पतालों के जिस भी वॉर्ड में कोरोना के मरीजों का इलाज चल रहा हो, वहां पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जाएं ताकि कोरोना के फर्जी इलाज के नाम‌ पर डॉक्टरों का फ्रॉड का भंडाफोड़ हो सके.


 

इस वीडियो में सुनील यहीं नहीं रुकते हैं. उन्होंने डॉक्टरों पर एक और संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि इलाज के लिए भर्ती गरीब मरीजों के फर्जी इलाज से होनेवाली मौत के बाद कोरोना के नाम पर उनके शवों को उनके परिजनों को नहीं सौंपा जाता है और इन डॉक्टरों द्वारा मानव अंगों की तस्करी की जा रही है.

 

सुनील पाल‌ के इस विवादित बयानों वाले वीडियो पर कड़ी आपत्ति जताते हुए एम्स के रेजिंडेंट डॉक्टरों के एसोसिएशन ने गृह मंत्री अमित शाह को अपने ट्वीट में टैग करते हुए लिखा - "तमाम‌ डॉक्टर भारत को कोविड-19 से बचाने के लिए हर कुर्बानी देने‌ के लिए तैयार हैं. ऐसे में सुनील पाल का इन मसीहाओं के बारे में दिया गया बयान पूरी तरह से अस्वीकार्य है. माननीय @AmitShah जी आरडीए एम्स महामारी कानून के तहत @iSunilPal को फौरन सलाखों के पीछे डालने का आग्रह करता है. उन्हें इसकी सजा मिलनी ही चाहिए."


 

एबीपी न्यूज़ ने जब इस विवाद और डॉक्टरों द्वारा गिरफ्तारी की मांग को लेकर सुनील पाल से संपर्क किया तो उन्होंने कहा, "मैंने वीडियो की शुरुआत में ही कहा है 100% में से 90% फीसदी डॉक्टर बेईमान व शैतान  होते हैं. मैं सभी डॉक्टरों को बेईमान व शैतान तो नहीं बता रहा हूं. ऐसे में एम्स के डॉक्टरों के बुरा मानने की क्या जरूरत है? क्या वे मानते हैं कि उनका शुमार ऐसे 90% फीसदी डॉक्टरों में है और उनकी गिनती 10% अच्छे डॉक्टरों में नहीं होती है?"

 

सुनील आगे कहते हैं, "आखिर ऐसा क्यों हो रहा है कि कोरोना की बीमारी गरीबों को इतना अधिक परेशान कर रही है जबकि अमीर व तमाम सेलिब्रिटी जल्दी जल्दी ठीक होकर घर लौट रहे हैं? ये सोचनेवाली बात है कि ये माजरा क्या है और कहीं कोरोना के इलाज नाम पर डॉक्टर फर्जीवाड़ा करने‌‌ में तो नहीं लगे हुए हैं? सरकार से इसी बात की तहकीकात करने का आग्रह करने के लिए मैंने यह वीडियो बनाया है."

 

सुनील ने आगे कहा, "मैं कम से कम 10 ऐसे लोगों को जानता था  जिनकी कोरोना के‌ संक्रमण के चलते मौत हो गई. इसी बात से विचलित होकर ही मैंने इस तरह का वीडिया बनाने का फैसला किया. अगर डॉक्टरों को लगता है कि मैं अपने वीडियो के लिए उनसे माफी मांगू तो ऐसा कतई नहीं होगा. मैं गिरफ्तारी देने‌ के लिए तैयार हूं."