केरल में लगभग 8 साल से चल रहे लंबे केस फिर फिलहाल विराम लगा दिया गया है. मलयालम फिल्म एक्टर दिलीप पर 2017 में एक्ट्रेस के किडनैपिंग और असॉल्ट मामले में आरोप लगा था लेकिन अब उन्हें बड़ी कर दिया गया है. इसके बाद एक्टर की एक्स वाइफ मंजू वॉरियर ने पोस्ट शेयर कर अपनी नाराजगी जताई है. उनका मानना है कि इससे पीड़िता को न्याय नहीं मिला है. 

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8 दिसंबर को मलयालम एक्टर दिलीप को एक्ट्रेस के किडनैपिंग और असॉल्ट मामले में बरी कर दिया गया है. इस पर अभिनेता की एक्स वाइफ मंजू वॉरियर ने अपनी निराशा जताई है. हसीना का मानना है इस फैसले से पीड़िता को न्याय नहीं मिला और जस्टिस अभी भी अधूरा है. मंजू वॉरियर ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक काफी लंबा पोस्ट शेयर किया है.

'पीड़िता का न्याय अभी भी अधूरा... 'मंजू ने लिखा- 'जिस दिमाग से इस जघन्य अपराध की योजना बनाई गई और सक्सेसफुल किया, वो जो भी ही अभी भी स्वतंत्र रूप से घूम रहा है और ये काफी भयानक है. ' मंजू वॉरियर का मानना है कि न्याय अभी भी अधूरा है, उनका कहना है कि वो माननीय न्यायालय की सम्मान करती हैं लेकिन इस मामले में पीड़िता को अभी भी इंसाफ नहीं मिला है. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने लिखा कि, 'न्याय तभी पूरा होगा जब इस अपराध के पीछे सभी को जवाबदेह ठहराया जाएगा. '

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दिलीप ने लगाया एक्स वाइफ पर आरोप2017 में दिलीप पर एक्ट्रेस का यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था. अब बरी होने  बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की और अपनी एक्स वाइफ मंजू वॉरियर पर मामले को भड़काने का आरोप लगाया. दिलीप ने अपने बयान में कहा कि उनकी एक्स वाइफ ने उनके खिलाफ साजिश रची है. साथ ही उन्होंने ये भी बयान दिया कि फर्जी कहानी बनाकर उनके इमेज को दूषित करने की कोशिश की गई है. 

क्या है पूरा मामला? फरवरी 2017 में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया. इसमें साउथ इंडस्ट्री की पॉपुलर एक्ट्रेस को चलती कार और दो घंटे तक किडनैप कर उनपर यौन उत्पीड़न किया गया था. कार्रवाई के दौरान पुलिस ने मलयालम इंडस्ट्री के एक्टर दिलीप को मामले का मास्टरमाइंड बताकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. लंबे समय तक इस केस पर चर्चा हुई यहां तक कि इस दौरान दो स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने अपना पद भी छोड़ दिया.

हालांकि 8 दिसंबर को एर्नाकुलम प्रिंसिपल सेशंस कोर्ट ने इस मामले में दिलीप समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट का कहना है कि इस केस में दिलीप के इन्वॉल्वमेंट का कोई ठोस सबूत नहीं है.