कोरियोग्राफर और फिल्ममेकर रेमो डिसूजा का कहना है कि उन्हें बहुत कम उम्र में ही रेसिज्म का शिकार होना पड़ा था. रेमा ने बताया कि शुरुआत में उन्होंने इसे नजरअंदाज किया लेकिन अब उन्हें लगता है कि उस वक्त उन्हें इसके खिलाफ स्टैंड लेना चाहिए था.


रेमो का कहना है कि उनके रंग को लेकर को कमेंट्स की गईं उसने उन्हें ज्यादा मेहनत करने के लिए और एक पॉजिशन हासिल करने के लिए मोटिवेट किया. रेमो का कहना है कि आज इसी वजह से वह इस पॉजिशन पर हैं जहां अब कोई उन्हें उन नामों से नहीं बुलाता. रेमो का कहना है कि रेसिज्म एक कड़वी सच्चाई खासकर छोटे शहरों और गावों में.


हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में रेमो ने कहा, “ बचपन से ही मेरे स्किन के कलर की वजह से मुझे पूर्वाग्रहों और रेसिज्म  का शिकार होना पड़ा. यह एक ऐसा सच है जिसे मैंने डील किया और विदेश यात्रा के दौरान भी इसका अनुभव किया. जब मैं बड़ा हो रहा था तो लोग मुझे अलग-अलग नामों से बुलाते थे. मैं ऐसी बातों को इग्नोर कर देता था क्योंकि मैं सोचता था कि मैं एक विशेष तरह से दिखता था. ”


रेमो ने आगे कहा, “जब मैं बड़ा हुआ तो मुझे समझ आया कि यह गलत और मैंने उन्हें इन नामों से बुलाने दिया यह और भी गलत था. अब मैं इनके खिलाफ स्टैंड लेता हूं. मुझे ऐसा लगता है कि मेरे स्किन कलर को लेकर की गई उन टिप्पणियों की वजह से ही मैं आज वहां पहुंच पाया जहां कोई मुझे इन नामों से दोबारा नहीं बुला सकता. लेकिन रेसिज्म  आज भी जिंदा है, आप छोटे शहरों और गांवों में  जाएंगे तो वहां आपको ये सब मिलेगा.”


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