Rajendra Kumar Life Facts: एक ऐसे एक्टर जिन्होंने 4 दशक के लंबे करियर में कई हिट फिल्में दी. 60 के दशक में तो एक वक्त भी आया कि उनकी 6-7 फिल्में एक ही वक्त पर सिनेमाघरों में सिल्वर जुबली सेलिब्रेट कर रहीं थीं फिर यहीं से उनका नाम भी जुबली कुमार हो गया. हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड के फेमस एक्टर राजेंद्र कुमार (Rajendra Kumar) के बारे में जिनकी आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी है.

 

पाकिस्तान से भारत आने के बाद राजेंद्र कुमार की नौकरी पुलिस विभाग में लग गई थी लेकिन किस्मत में तो लिखा था एक्टर बनना. इसी कड़ी में एक दोस्त ने उन्हें फिल्मी दुनिया का सपना दिखाकर मुंबई जाने के लिए कहा. हर बच्चों की तरह राजेंद्र बचपन से एक्टर ही बनना चाहते थे. फिर क्या, दोस्त की बातों में आकर वो पुलिस की ट्रेनिंग में जाने से दो दिन पहले ही मुंबई भाग गए फिर मुंबई में आकर शुरू हुआ उनका फिल्मी संघर्ष.



 

एक्टर को पहली बार फिल्म जोगन में देखा गया था. फिल्मों में काम तो मिला पर उन्हें असली पहचान फिल्म मदर इंडिया से मिली. उनका रोल तो छोटा सा था पर उनके काम की जमकर तारीफ हुई. फिर 1963 में 'मेरे महबूब' फिल्म सुपरहिट हुई जिसके बाद राजेन्द्र ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने 80 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और उनमें से 35 फिल्में सिल्वर जुबली हिट रही. ‘कानून’ और ‘मेहंदी रंग लाग्यो’ (गुजराती फिल्म) के लिए राजेंद्र कुमार को जवाहरलाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) से नेशनल अवॉर्ड भी मिला. 3 साल तक 1964, 1965 और 1966 में लगातार राजेंद्र कुमार को फिल्मफेयर में बेस्ट एक्टर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेशन मिला और 1969 में राजेंद्र को पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया.



 

साल 1963 से 1966 के दौरान उनकी सभी फिल्में सुपरहिट हुई लेकिन 70 का दशक तक आते उनका चार्म फीका पड़ गया और माली हालत बिगड़ती चली गई जिस कारण उन्हें अपना लकी बंगला भी राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) को बेचना पड़ा फिर 12 जुलाई 1999 को बॉलीवुड का ये सितारा भी दुनिया को अलविदा कह दिया.