बात आज मिर्ज़ापुर (Mirzapur) के उस एपिक सीन की जो इस पूरी सीरीज के लिए गेम चेंजर साबित हुआ था. आपको बता दें कि मुन्ना भईया सीरीज के पहले पार्ट में गुड्डू और बबलू के घर उनके पिता को धमकाने के लिए जाते हैं. इस दौरान उनकी पिटाई हो जाती है. इसके बाद गुड्डू और बबलू को कालीन भईया के घर बुलाया जाता है और उनके ही गैंग में शामिल कर लिया जाता है.
जिसके बाद मुन्ना भईया कहते हैं, ‘मकबूल फैमिली हैं पापा’. जिस पर कालीन भईया कहते हैं, ‘काहे की फैमिली बेटा उसको देखो हो साथ में खाना खाते हुए…??’. यह सुनते ही मुन्ना भईया कहते हैं, ‘लेकिन आप पूछते तो हर बार ही हैं’.जिस पर कालीन भईया कहते हैं, ‘वो इसलिए पूछ लेते हैं क्योंकि वो बराबरी में नहीं बैठेगा. हम पूछ कर उसका मान बढ़ाते हैं और मना करके हमारा.’
इस बात पर मुन्ना भईया भड़कते हुए कहते हैं, ‘फिर इन्हें (गुड्डू और बबलू) काहे बैठा लिए…??’. जिस पर कालीन भईया कहते हैं, ‘बैठाए नहीं हैं, इज्ज़त दिए हैं, जब आदमी को इज्ज़त की उम्मीद ना हो और मिल जाए ना तो लॉयलिटी दस गुना बढ़ जाती है.याद रखो मुन्ना ये लोग फैमिली नहीं बनते सिर्फ वफादार बनते हैं, मकबूल नहीं हैं हमारी फैमिली... तुम हो !!!’