बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक बिमल रॉय का ना सिर्फ गुलज़ार की जिंदगी में अहम किरदार है बल्कि उनकी फिल्मों में भी बिमल रॉय का प्रभाव साफ तौर पर देखा गया है. इन्हीं की तरह गुलज़ार की फिल्मों में कहानी को सरल और दिल को छू लेने वाले अंदाज़ में पेश किया जाता था. गुलज़ार ने साल 1971 में फिल्म 'मेरे अपने' बनाकर डायेक्शन में डेब्यू किया. इस फिल्म में मीना कुमारी, विनोद खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा जैसे कलाकारों ने अहम भूमिका निभाई थी. फिल्म की कहानी और गुलज़ार के डायरेक्शन ने हर किसी का ध्यान अपनी तरफ खींचा.



'कोशिश'- साल 1972 में गुलज़ार ने वो रिस्क उठाया जिसके बारे में पहले किसी और डायरेक्टर ने सोचा भी नहीं था. फिल्म 'कोशिश' में उन्होंने हीरो-हीरोइन को गूंगा और बहरा दिखाया. इस फिल्म में जया भादुड़ी और संजीव कुमार ने शानदार काम किया.



'अचानक'- साल 1973 में गुलज़ार ने फिल्म 'अचानक' डायरेक्ट की. देखा जाए तो उनकी ये फिल्म काफी अलग थी. ये एक थ्रिलर फिल्म थी, जिसमें एक सैनिक को अपनी पत्नी के अफेयर के बारे में पता लगता है और वो उसका मर्डर कर देता है. इस फिल्म की कहानी मशहूर लेखक और फिल्मकार ख्वाजा अहमद अब्बास ने लिखी थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये फिल्म गुलज़ार ने सिर्फ 28 दिनों में पूरी कर ली थी.



'आंधी'- साल 1975 में रिलीज हुई गुलजार की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से रही 'आंधी'. कुछ लोगों ने इस फिल्म को भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कहानी बता दिया था, इतना ही नहीं इस फिल्म पर आपातकाल के दौरान रोक भी लगा दी गई थी.



'माचिस'- साल 1996 में रिलीज हुई इस फिल्म ने दर्शकों का दिल खूब जीता. जिसके बाद साल 1999 में रिलीज हुई फिल्म 'हु तू तू' गुलजार द्वारा निर्देशित की गई आखिरी फिल्म थी. इस फिल्म में सुनील शेट्टी और तबु ने अहम भूमिका निभाई थी.