1980 के दशक में रिलीज हुई डायरेक्टर विजय आनंद की फिल्म ‘राम बलराम’ हिंदी सिनेमा की सबसे चर्चित और सफल फिल्मों में गिनी जाती है. इस फिल्म में पहली बार सुपरस्टार धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन की जोड़ी बड़े पर्दे पर साथ नजर आई थी. दमदार कहानी, शानदार गाने और स्टारकास्ट की वजह से फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफलता हासिल की और दर्शकों के बीच खूब पसंद की गई.
स्टारकास्ट को लेकर हुआ था विवादफिल्म जितनी अपनी कहानी के लिए मशहूर हुई, उतनी ही इसके कास्टिंग विवाद ने भी सुर्खियां बटोरीं. IMDb की रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म में फीमेल लीड को लेकर पर्दे के पीछे काफी हलचल थी. कहा जाता है कि अमिताभ बच्चन चाहते थे कि फिल्म में उनकी जोड़ी रेखा के साथ बने. रेखा संग पर्दे पर रोमांस करने के लिए अमिताभ ने प्रोड्यूसर पर दबाव भी डाला था. इस फैसले से उस समय की मशहूर अभिनेत्री जीनत अमान नाराज़ हो गई थीं. जीनत चाहती थीं कि उन्हें फिल्म में एक मजबूत और बराबर की भूमिका मिले, न कि सिर्फ सपोर्टिंग किरदार.
देव आनंद बने जीनत अमान का सहाराअपनी नाराज़गी जाहिर करने के लिए जीनत अमान ने अपने करीबी दोस्त देव आनंद से बात की. देव आनंद ने जीनत की बात अपने भाई और फिल्म के निर्देशक विजय आनंद तक पहुंचाई. जीनत और देव आनंद की दोस्ती 1971 की फिल्म ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ के समय से थी, जिसके चलते उनकी बात को गंभीरता से लिया गया. नतीजा यह हुआ कि जीनत अमान को फिल्म में लीड एक्ट्रेस के रूप में जगह मिल गई.
पर्दे पर बनीं हिट जोड़ियांफिल्म में रेखा और अमिताभ बच्चन की जोड़ी ने रोमांस का तड़का लगाया, वहीं जीनत अमान और धर्मेंद्र की केमिस्ट्री को भी दर्शकों ने खूब सराहा. दोनों जोड़ियां हिट साबित हुईं. भले ही जीनत अमिताभ संग इस फिल्म में रोमांस नहीं कर पाईं. मगर उन्होंने फिल्म में रेखा को जबरदस्त टक्कर दी थी.
फिल्म का बजट और कलेक्शनSacnilk की रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म राम बलराम को करीब 2 करोड़ की लागत से बनाया गया था. बॉक्स ऑफिस पर फिल्म 9.5 करोड़ की कमाई की थी. यह साल 1980 की टॉप फिल्मों में से एक रही थी. इसके साथ ही यह तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी.