नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के छात्र राजीव सिंह एक्टर सतीश कौशिक के निधन की खबर से शोक में हैं. उन्होंने कहा, 'बॉलीवुड इंडस्ट्री में कुछ कलाकार ऐसे हैं जो कितनी भी फिल्में कर लें, हम उन्हें और ज्यादा देखना चाहते हैं और मेरे लिए सतीश कौशिक उन्हीं चंद कलाकारों में हैं. मैंने बचपन से ही उनकी कॉमेडी देखी है. बॉलीवुड एक ऐसी इंडस्ट्री है जहां हर कोई हीरो बनने का ख्वाब देखकर आता है. ऐसे में कुछ लोग कलाकार होते हैं और अपनी कलाकारी का प्रदर्शन करने आते हैं. सतीश भी उन कलाकारों में थे. मुझे तो अभी तक यकीन नहीं हो रहा है कि 'मिस्टर इंडिया' वाले 'कैलेंडर' अब इस दुनिया में नहीं रहा.'


राजीव सिंह कहते हैं कि सतीश कौशिक ने गोविंदा के साथ मिलकर कई ऐसी फिल्में की हैं जिसे देखते वक्त आप अपनी हंसी नहीं रोक पाएंगे. 90 के दशक में उन्होंने ऐसी फिल्में भी की जिसमें भाई तो कभी पिता का किरदार निभाया. उनके करियर की तरफ देखते हैं तो उन्हें इंडस्ट्री में अलग-अलग तरह की भूमिकाएं अदा करते हुए पाते हैं. एक कलाकार की पहचान तभी हो पाती है जब वह अलग अलग किरदारों को भी बखूबी निभा पाए.

हालांकि उन्होंने हर तरह के किरदार निभाने के बाद पाया कि लोग उनके कॉमेडी को बहुत ज्यादा पसंद कर रहे हैं. दरअसल उन्हें पहचान ही मिली 1987 में. उस वक्त उनकी फिल्म आई थी मि. इंडिया और इस फिल्म में वह कैलेंडर वाले रोल में थे और लोगों ने इस किरदार को जमकर प्यार दिया था.



सतीश कौशिक के कॉमेडी सीन. (फोटो साभार: Instagram/@satishkaushik2178)


इस फिल्म के बाद तो जैसे वह सपोर्टिंग रोल के लिए बॉलीवुड की नई चॉइस बन गए. यहां एक बात जरूर नोटिस करने वाली है कि हीरो बनने का सपना लिए ज्यादातर एक्टर सपोर्टिंग रोल लेने से बचते हैं लेकिन सतीश ने इसे चैलेंज के तौर पर लिया और आद कई ऐसे हीरो के कैरेक्टर हैं जो हमें याद नहीं. लेकिन सतीश कौशिक का कैरेक्टर भूले नहीं भुलाया जा सकता.


वहीं एनएसडी की पूर्व छात्रा स्वाति श्रीवास्तव ने कहा कि मैं इंस्टा पर अभी भी उनकी स्टोरी देख पा रही हूं और यकीन करने की कोशिश कर रही हूं कि हमारे चहेते अब इस दुनिया से अलविदा कह चुके हैं और अब हम उन्हें कभी पर्दे पर नहीं देख पाएंगे. 


स्वाति ने कहा कि अपने कॉलेज के दिनों में एक बार मेरी उनसे मुलाकात हुई थी. सतीश बेहद खुशमिजाज व्यक्ति थे. मुझे हमेशा ही उनसे प्रेरणा मिली है. हर रोल में दान डालना सतीश जी के बेहतर कोई नहीं सिखा सकता. मैंने हाल ही में ओटीटी पर रिलीज उनकी फिल्म 'छतरीवाली' में देखी थी. सतीश कौशिक भले ही पर्दे पर कॉमेडी रोल में नजर आते थे. लेकिन असल जिंदगी में मुझे काफी संजीदा और सुलझे इंसान लगते थे. मैंने उनके कई इंटरव्यू देखें हैं.




नहीं रहें सतीश कौशिक 


अपनी एक्टिंग से सबके चेहरे पर मुस्कान लाने वाले दिग्गज एक्टर और डायरेक्टर सतीश कौशिक अब इस दुनिया में नहीं रहें. उनके अचानक मौत ने सभी को सन्न कर दिया है. इस दुखद खबर से 24 घंटे पहले की बात है जब वह अपने दोस्तों के साथ होली खेल रहे थे. उन्होंने कल ही अपने इंस्टाग्राम पर बॉलीवुड के जाने माने राइटर जावेद अख्तर और अभिनेत्री महिमा चौधरी, रिचा चड्ढा और अली फ़ज़ल के साथ तस्वीर साझा की थी. उस तस्वीर में वह होली खेलते रहे थे. किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि उनका होली के मौके पर अपने फैंस को शुभकामनाएं देना आखिरी पोस्ट बन जाएगा. 


सतीश के यूं अचानक चले जाने से उनके परिवार, फैंस और पूरी बॉलीवुड को गहरा झटका लगा है. कई लोगों को तो इस बात पर यकीन भी नहीं हो रहा है कि दिग्गज कलाकार अब हमारे बीच नहीं रहे.  




सतीश कौशिक (फोटो साभार: Instagram/@satishkaushik2178)


सतीश ने 66 साल की उम्र में अंतिम सांस ली और दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. उनका निधन गुरुग्राम में हुआ और मौत की वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है. सतीश कौशिक के भतीजे निशान कौशिक ने बीबीसी हिन्दी को बताया है सतीश यहां यानी गुरुग्राम में अपने एक दोस्त के साथ होली मनाने पहुंचे थे और उन्हें वहीं दिल का दौरा पड़ा. तबीयत बिगड़ने के उन्हें जल्दबाजी में गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन जिंदगी बचाई न जा सकी. 


कौन थे सतीश कौशिक 


सतीश कौशिक का जन्म 13 अप्रैल, 1956 को हुआ था. उन्होने बॉलीवुड कि कई फिल्में की है. इसके अलावा वह प्रोड्यूसर, कॉमेडियन और स्क्रीनराइटर भी थे. उन्होंने अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई किरोड़ीमल कॉलेज से की और बाद उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से पढ़ाई की. वैसे तो कोशिक ने कई ऐसी फिल्में की हैं जिसमें उनके एक्टिंग ने लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम किया है लेकिन राम लखन, साजन चले ससुराल, जाने भी दो यारों और मिस्टर इंडिया जैसी नामी फिल्मों ने उन्हें पहचान दिलाई. 


शोक में है बॉलीवुड 


सतीश के अचानक मौत ने पूरे बॉलीवुड में शोक की लहर ला दी है. बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने उनके निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट कर लिखा है, "मृत्यु ही इस दुनिया का अंतिम सच है. पर ये बात मैं जीते जी कभी अपने जिगरी दोस्त सतीश कौशिक के बारे में लिखूंगा, सपने में भी नहीं सोचा था. 45 साल की दोस्ती पर ऐसे अचानक पूर्ण विराम! तुम्हारे बिना कभी ज़िंदगी पहले की तरह नहीं होगी, ओम् शांति!"


वहीं एक्टर मधुर भंडारकर ने ट्वीट करते हुए लिखा, ''एक्टर और डायरेक्टर सतीश कौशिक जी की मौत से मैं स्तब्ध हूँ. कौशिक एक ऊर्जावान व्यक्ति थे. उनके लाखों प्रशंसक और फिल्म इंडस्ट्री उन्हें बहुत याद करेंगे. मेरी तरफ से विनम्र श्रद्धांजलि.''



सतीश कौशिक के कॉमेडी सीन. (फोटो साभार: Instagram/@satishkaushik2178)


जब नीना गुप्ता से शादी करना चाहते थे सतीश 


नीना गुप्ता ने 2021 में 'सच कहूं तो' शीर्षक से अपनी जीवनी लॉन्च की थी उसमें उन्होंने अपनी निजी जिंदगी के बारे में कुछ बड़े खुलासे किए हैं. अपनी आत्मकथा में, अभिनेत्री ने दिवंगत अभिनेता सतीश कौशिक की दोस्ती का भी उल्लेख किया और खुलासा किया कि उन्होंने उनसे शादी करने की पेशकश की थी.


दरअसल, सतीश कौशिक और नीना गुप्ता दोस्त थे. जब का ये किस्सा साझा किया गया है उस वक्त नीना काफी मुश्किल समय से गुजर रही थीं. नीना क्रिकेटर विव रिचर्ड्स के बच्चे मसाबा के साथ गर्भवती थीं और बिना शादी के प्रेग्नेंट होने के कारण समाज में उन्हें ताने पड़ रहे थे. 




उस वक्त नीना पूरी तरह अकेली पड़ गई थीं. ऐसे में सतीश कौशिक ने उनसे शादी करने की बात कही थी. एक अच्छे दोस्त की तरह वह नहीं चाहते थे कि नीना अकेली महसूस करें. सतीश ने शादी का ऑफर देते हुए नीना से कहा था "चिंता मत करो, अगर बच्चा काली त्वचा के साथ पैदा होता है, तो तुम कह सकती हो कि यह मेरा है और हम शादी कर लेंगे. किसी को कुछ भी शक नहीं होगा. हालांकि, अभिनेत्री ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया और सिंगल मदर बनने का फैसला किया. 


बॉम्बे टाइम्स के साथ एक साक्षात्कार में, सतीश कौशिक ने नीना गुप्ता को शादी करने का प्रस्ताव देने के पीछे के कारणों पर भी बात की. उन्होंने कहा, "मैं इस बात की सराहना करता हूं कि उस समय एक लड़की ने शादी से बिना ही बच्चा पैदा करने का फैसला किया. मैं बस एक सच्चे दोस्त होने के नाते उसे विश्वास दिलाना चाहता था कि चाहे कुछ भी हो मैं उसके साथ खड़ा रहूंगा.  उन्होंने कहा कि मुझे चिंता थी कि मैं उसे अकेला महसूस न होने दूं. आखिर दोस्त इसलिए ही तो होते हैं. 


सतीश ने उस इंटरव्यू में ये भी बताया कि जब नीना गुप्ता को उन्होंने शादी का प्रस्ताव दिया था तब नीना की आंखों में आंसू बहने लगे थे. सतीश ने बताया कि मैंने उनसे कहा, "मैं हूं ना, तू चिंता क्यों करती है. 


मासूम से की थी फिल्मी सफर की शुरुआत 


सतीश ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से एक्टिंग की शिक्षा ली. बॉलीवुड में करियर शुरू करने से पहले उन्होंने थिएटर में काम किया था. उन्होंने साल 1983 में आई फिल्म ‘मासूम’ से बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर अपने बॉलीवुड के सफर की शुरुआत की थी. फिल्म ‘जाने भी दो यारों’ में उन्होंने एक्टिंग भी की थी और असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम भी किया था. इसके अलावा उन्होंने इस फिल्म के डायलॉग भी लिखे थे. 
 
अपने निर्देशन की शुरुआत उन्होंने फिल्म ‘रूप की रानी चोरों का राजा’से की. धीरे धीरे सतीश कई फिल्में में अपने अभिनय से लोगों के चेहेर पर मुस्कान लाने लगें. 


जिस हादसे ने तोड़कर रख दिया सतीश को 


साल 1990, सतीश कौशिक के बेटे सानू का निधन हो गया था. उसकी उम्र महज दो साल थी. बेटे के अचानक हुए  निधन ने सतीश तो तोड़कर रख दिया था. इस हादसे का उनपर ऐसे असर पड़ा कि वह अकेले रहने लगे. वह दिन भर खुद को व्यस्त रखने लगें. बेटे के निधन के 16 साल बाद यानी साल 2012 में सतीश की बेटी वंशिका का सरोगेसी से जन्म हुआ. इस मौके पर सतीश ने  कहा था, 'हमारी बेटी का जन्म एक बच्चे के लिए हमारे लंबे और दर्दनाक इंतजार का अंत है.'