Vivek Agnihotri On Adipurush: फिल्म आदिपुरुष को लेकर विवाद कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. ऑडियन्स से लेकर सेलेब्स तक सभी ने इस फिल्म को लेकर अपनी राय रखी है. ज्यादातर लोग फिल्म को ट्रोल ही कर रहे हैं. फिल्म के डायलॉग से लेकर किरदार तक हर चीज को लेकर ट्रोलर किया जा रहा है. फिल्म के कुछ डायलॉग भी बदले जा चुके हैं फिर भी लोग इस फिल्म को पसंद नहीं कर रहे हैं. अब इस विवाद पर फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री ने चुप्पी तोड़ी है. विवेक ने कहा है कि जब आस्था की बात आती है तो लॉजिक काम नहीं करता है.

विवेक अग्निहोत्री ने एक इंटरव्यू में आदिपुरुष को लेकर बात की है. इंडिया डॉट कॉम से बातचीत में विवेक ने कहा- आस्था की जो चीजें हैं उसमें हमे बहुत ही रिस्पॉन्सिबल और सेंसिटिव रहना चाहिए. आपकी क्या आस्था है, किसी की क्या आस्था है... जैसे किसी का बच्चा है और मां को लगता है कि मेरा बच्चा दुनिया में सबसे सुंदर है, तो मुझे कोई हक नहीं बोलने का की वो थोड़ा कम सुंदर है या नहीं सुंदर है. वो मां की आस्था और प्रेम है.

आस्था के मामले में सारे लॉजिक फेलविवेक अग्निहोत्री ने आगे कहा- प्रेम और आस्था के मामले में सारे लॉजिक फेल हो जाते हैं. और उसपर ठेस पहुंचाना, उसको आहत करना, अपने आप में पाप-पुण्य कार्य है.

जब विवेक अग्निहोत्री से पूछा गया कि सीबीएफसी कमेटी ने सीन्स और डायलॉग पर ऑब्जेक्ट नहीं उठाया? इस पर विवेक ने कहा- मैं सीबीएफसी बोर्ड का हिस्सा हूं. हम सर्टिफिकेशन के लिए फिल्म नहीं देखते हैं. फिल्म को आम महिलाएं और पुरुष देखते हैं. मुझे नहीं पता फिल्म को क्या हुआ और किसे उसने देखा. मैंने अभी तक फिल्म नहीं देखी है, तो मुझे इसके बारे में ज्यादा पता नहीं है.  अगर आप मेरे पहले के स्टेटमेंट और कमेंट देखेंगे तो आपको पता चलेगा मैं दूसरी फिल्मों के बारे में बात नहीं करता हूं. मैं दूसरी फिल्मों पर ओपिनियन नहीं देता हूं. हालांकि मैं कहना चाहूंगा कि आस्था के मामले काफी संवेदनशील होते हैं.

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