मुम्बई : सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर के 92वें जन्मदिन के मौके पर मशहूर संगीतकार विशाल भारद्वाज और लफ्जों के जादूगर गुलजार ने मिलकर एक सुरीला तोहफा दिया है. ये तोहफा एक गाने के रूप में सामने आया है जिसे खुद लता मंगेशकर ने आज से 26 साल पहले गाया था मगर किसी वजह से उनका ये गाना लोगों के सामने नहीं आ पाया था.
दरअसल, जाने-माने संगीतकार विशाल भारद्वाज द्वारा कम्पोज किया गया और गुलजार के लिखे 'ठीक नहीं लगता' गाने को आज से 26 साल पहले एक फिल्म के लिए लिखा गया था. मगर वो फिल्म बाद में डिब्बाबंद हो गई तो लता मंगेशकर की आवाज में गाये इस गाने का रिकॉर्ड किया गया टेप भी कहीं खो गया था. मगर सालों बाद ये गाना एक बार फिर से विशाल भारद्वाज के हाथ लगा और उन्होंने इसे लता मंगेशकर के जन्मदिन के मौके पर नये अंदाज में रिलीज करने का फैसला किया.
26 साल पहले संगीतबद्ध किये गये गाने 'ठीक नहीं लगता' को लेकर विशाल भारद्वाज ने कहा कि ये गाना फिल्म 'माचिस' की रिलीज के पहले ही कम्पोज और रिकॉर्ड किया गया था. वे कहते हैं कि दुर्भाग्यवश जिस फिल्म के लिए ये गाना संगीतबद्ध किया गया तो वो बनी नहीं और उसी के साथ ये गाना भी कहीं खो गया था. विशाल बताते हैं कि एक लम्बे समय तक उन्हें इस बाद की उम्मीद थी कि एक ना एक दिन ये फिल्म जरूर बनेगी, मगर 10 साल बाद ये साफ हो गया कि ये फिल्म नहीं बनेगी.
विशाल ने बताया कि उस समय गाने की रिकॉर्डिंग का फॉर्मेट अलग था और जिस टेप में यह गाना रिकॉर्ड किया गया था, वो खो गया था. वे बताते हैं कि जिस स्टूडियो में यह गाना रिकॉर्ड किया गया था, वो भी बंद हो गया था मगर उन्हें किसी और स्टूडियो से फोन आया और उन्हें बताया गया कि उनके नाम पर एक टेप वहां पड़ा हुआ है. विशाल ने कहा कि जब उन्होंने इस टेप को चेक किया तो उन्हें लता मंगेशकर के साथ सालों पहले रिकॉर्ड किया गाना मिला, जिसे उन्होंने नये अंदाज में पेश किया है.
अपने जन्मदिन पर मिले इस सुरीले तोहफे पर लता मंगेशकर कहती हैं, "उस वक्त विशाल भारद्वाज एक नये कम्पोजर हुआ करते थे, मगर उनके संगीतबद्ध किये गये गाने उम्दा किस्म के होते थे. मैंने 'माचिस' के लिए दो गाने गाये थे - ऐ हवा... और पानी पानी रे... दूसरा गाना तो फिल्म में था मगर पहला गाना फिल्म से नदारद रहा क्योंकि फिल्म में गाने के मुताबिक सिचुएशन नहीं थी. इसके बाद हम 'ठीक नहीं लगता' गाने के लिए फिर साथ आए मगर वो फिल्म कभी नहीं बनीं. अब कई साल बाद इस गाने को रिलीज किया जा रहा है. मुझे उम्मीद है कि श्रोताओं को इस गाने के साथ साथ इस गाने के बोल भी पसंद आएंगे."
पिछले 6 दशकों में लता मंगेशकर ने गुलजार के लिखे कई मशहूर गीत गाए हैं, मगर लता मंगेशकर के लिए लिखा उनका ये गाना कितना अलग है, इसके बारे में गुलजार कहते हैं कि विशाल भारद्वाज अपनी धुनों की सादगी के लिए जाने जाते हैं, जो इसके गाने की भी खासियत है. वे कहते हैं, "इस फिल्म में एक लड़का-लड़की एक-दूसरे से प्यार तो करते हैं, मगर एक-दूसरे के लिए समर्पित नहीं थे. वे कहते हैं कि इस तरह का व्यवहार आज की पीढ़ी में अधिक पाया जाता है जहां दोनों को नहीं पता होता है कि आखिर दोनों अपने रिश्ते को कहां तक निभाएंगे. गुलजार कहते हैं, "ऐसे हालात में आपको लगता है कि सब ठीक तो है, लेकिन कुछ ठीक नहीं लगता. ये पंक्तियां आज के हिसाब से उपयुक्त बैठती हैं."
गुलजार ने इस बात पर खुशी जताई कि विशाल भारद्वाज ने 26 साल पहले उनके लिखे गाने कि रीमिक्स नहीं किया है और इसे रिऑर्केस्ट्रेट कर इसे नये अंदाज में पेश किया है जो लोगों को पसंद आएगा.
बहरहाल, लता दीदी को जन्मदिन की बधाई देते हुए हम यही उम्मीद करते हैं कि 26 साल बाद जन्मदिन के मौके पर रिलीज हुआ उनका ये गाना भी लोगों के दिलों में अपनी एक खास जगह बनाने में कामयाब होगा.
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