नई दिल्ली: वैलेंटाइन डे के मौके पर हम आपको ऐसी लव स्टोरी के बारे में बता रहे हैं जिसका जिक्र उस जमाने में हर गली, हर चौक पर होता था. सुर्खियों में रही इस लव स्टोरी की कशक ऐसी है कि आज भी अगर कोई देवानंद का नाम लेता है तो खुद-ब-खुद सुरैया का नाम आ जाता है. इनकी लव स्टोरी की शुरूआत 1948 में हुई थी. सुरैया फिल्मों में अपने गीत खुद ही गाती थीं. देवानंद अभी नए-नए आए थे. उन्हें 'विद्या' के लिए साइन किया गया जिसमें सुरैया उनकी हीरोइन थीं. यहीं दोनों की पहली मुलाकात हुई थी. पहले ही दिन दोनों के बीच रोमांटिक सीन फिल्माया जाना था. शूटिंग के दौरान देवानंद सुरैया के इतने कायल थे कि उन्होंने सोचा कि काश उस सीन के दौरान कोई उनकी एक तस्वीर क्लिक कर ले. पहली नज़र में ही दोनों को प्यार हो गया था.


इस फिल्म का एक सीन नदी में फिल्माया जाना था. शूटिंग के दौरान नाव पलट गई और सुरैया पानी में गिर गईं. इसके बाद देवानंद ने उन्हें बचाया. यही वो पल था जब दोनों को बेपनाह मोहब्बत हो गई. देवानंद जब भी सुरैया के घर जाते तो उनके दोस्त सुरैया की नानी को बातों में उलझा लेते और ये लव बर्ड छत पर जाकर क्वालिटी टाइम एक दूसरे के साथ बिताता. 1949 में आई फिल्म 'जीत' में शादी का सीन फिल्माया जाना था यहां पर दोनों ने सोचा कि वो सीन मे असली पंडित को बुलाएंगे और शादी कर लेंगे. ये खबर सुरैया की नानी तक पहुंच गई और वो जबरदस्ती सुरैया को घर ले गईं. दोनों के धर्म अलग होने की वजह से सुरैया की नानी इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं हुईं और दोनों को अलग होना पड़ा.



इसके बाद तो सुरैया की नानी ने शादी के लिए उस जमाने के मशहूर निर्देशक एम.सादिक़ को चुना जो सुरैया की कई फिल्में डायरेक्ट कर चुके थे . लेकिन देव की याद में तड़प रहीं सुरैया किसी भी तरह से शादी के लिए राज़ी नहीं हो रही थीं और इसके बाद घर में वो हुआ जिसने सुरैया को दहला दिया. हर रोज़ सुरैया को समझाने के लिए फिल्म इंडस्ट्री के कई करीबी लोग आते. अभिनेत्री नादिरा के पहले पति नक्शब तो सुरैया के सामने क़ुरान ले आए और बोले कि 'इस पर हाथ रखकर कसम खाओ कि देव से शादी नहीं करोगी.' उन्होंने ये भी कहा कि अगर सुरैया ने देव आनंद से शादी की तो देश में दंगे भी हो सकते हैं. ये जान सुरैया बेहद डर गई थीं. लेकिन उनकी हिम्मत तब टूट गई जब उनकी नानी और मामा ने देवानंद को जान से मारने की धमकी दी. 


धमकी से घबराई सुरैया ने फिल्म 'नीली' की शूटिंग के दौरान देवानंद से कहा कि वो उनकी मौत की वजह नहीं बनना चाहतीं, इसलिए देव उन्हें भूल जाएं. ये सब सुनकर देवानंद बोले, ''तुम्हे डरने की कोई जरूरत नहीं है . हम कोर्ट में शादी कर लेंगे. मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारे धर्म अलग हैं. मेरा धर्म मोहब्बत है. मेरे लिए प्यार ही सबकुछ है. हमारे प्यार के बीच में समाज और परिवार को मत आने दो.'' लेकिन सुरैया कोई फैसला नहीं कर पा रही थीं. ये देखकर देव आनंद को गुस्सा आ गया और उन्होंने सुरैया के गाल पर एक जोरदार थप्पड़ मार दिया. सुरैया फूटफूटकर रोने लगीं और देव को बाद में इस पर बहुत पछतावा हुआ. सुरैया ने एक इंटरव्यू में कहा, ''देव ने मुझे बताया कि वो घर गए और बार-बार अपने हाथ दीवार पर मारते रहे. उन्हें मुझ पर हाथ उठाने का बेहद पछतावा था लेकिन इस घटना से मुझे ये पता चल गया कि वो मुझसे कितना प्यार करते हैं. मेरे परिवार ने उनकी बहुत बेइज्जती की लेकिन इसके बावजूद वो मुझसे प्यार करते रहे.''



इसके बाद देव ने सुरैया के घर पर बार-बार फोन किया लेकिन नानी ने बात नहीं करने दी. फिर सुरैया की मां के कहने पर देव उनके घर की छत पर मिलने पहुंचे. दोनों एक दूसरे से कई हफ्तों के बाद मिल रहे थे. देवानंद ने इस बारे में खुद ही बताया, ''मैंने सुरैया को गले से लगा लिया. काफी देर तक हम दोनों ने एक दूसरे से कुछ नहीं कहा. फिर मैंने उन्हें किस कर लिया. वो किस मैं कभी नहीं भूलूंगा. उससे पूछा 'क्या तुम मुझसे शादी करोगी?' उसने मुझे जोर से अपनी बाहों में भर लिया और बार-बार कहने लगी...I love you, I love you…''


अगले ही दिन देवानंद ने बेहद महंगी और खूबसूरत हीरे की अंगूठी खरीदी और दोस्त के जरिए सुरैया तक ये संदेश भिजवाया कि ये इंगेजमेंट की अंगूठी है. संदेश में लिखा था, ''ये सगाई की अंगूठी है हालांकि हम सबके सामने सगाई नहीं कर रहे हैं. मुझे पता है कि तुम इस अंगूठी को अभी पहन नहीं पाओगी लेकिन इसे मेरे प्यार की निशानी समझ कर संभाल कर रखना.'' 


लेकिन नानी की नज़रों से वो अंगूठी बच ना सकी और ये पता चलते ही सुरैया को घर से बाहर तक निकलने नहीं दिया गया. सुरैया की नानी तो फैसला कर चुकी थीं कि वो सुरैया और देव को एक नहीं होने देंगी. देवानंद की जीवनी के मुताबिक, ''घरवालों की सख्ती से तंग आकर एक दिन सुरैया ने उनकी दी हुई हीरे की अंगूठी को समंदर में फेंक दिया. उन्होंने उस अंगूठी को आखिरी बार देखा और मुझे याद करते हुए उस अंगूठी को समुद्र में फेंक दिया जहां वो उठती गिरती लहरों को हमारी मोहब्बत के अफसाने सुना सकें.'' हालांकि सुरैया का कहना था कि वो अंगूठी उनकी नानी ने उनसे छीन कर समंदर में फेंकी थी. लेकिन उन्होंने माना कि फैसले की घड़ी में कमजोर पड़ने वाली वो खुद थीं.



उस वक्त सुरैया देव आनंद से शादी की हिम्मत नहीं कर सकीं लेकिन फिर उन्होने जिंदगी भर शादी नहीं की और हमेशा देव आनंद की यादों में खोई रहीं. वहीं सुरैया के बाद देव आनंद की जिंदगी में आईं अभिनेत्री कल्पना कार्तिक. देव आनंद को फिर से प्यार हुआ और एक फिल्म की शूटिंग के दौरान, एक दिन लंच ब्रेक में ही दोनों ने शादी कर ली. शादी के बाद कल्पना कार्तिक ने फिल्में छोड़ दी और देव का घर संभाल लिया. इनके दो बच्चे भी हुए. इस दौरान काफी साल तक देव आनंद और सुरैया की कोई बात नहीं हुई. लेकिन फिर कई साल बाद एक पार्टी में दोनों आमने-सामने आए. दोनों ने एक दूसरे का हालचाल पूछा.


31 जनवरी 2004 को 74 साल की उम्र में सुरैया का निधन हो गया. हर किसी को उम्मीद थी उन्हें आखिरी विदाई देने के लिए देव आनंद जरूर आएंगे. मुंबई के मरीन लाइन्स के बड़े कब्रिस्तान में जहां सुरैया को दफनाया गया, वहां सबकी आंखे देव आनंद को तलाश रही थीं लेकिन वो नहीं आए. 3 दिसंबर 2011 को देव आनंद भी नहीं रहे लेकिन दिल में आखिर तक उस अधूरी लव स्टोरी की कसक रही. एक ऐसी लव स्टोरी जिसके बारे में दोनों सालों बाद भी ऐसे बातें करते थे जैसे ये कल की ही बात हो.