नई दिल्ली: बॉलीवुड के जाने माने पटकथा लेखक सलीम खान आज अपना 82वां जन्मदिन मना रहे हैं. सलीम खान का जन्म 24 नवंबर 1935 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था. यूं तो सलीम खान ने फिल्म इंडस्ट्री को कई सुपरहिट फिल्में दी हैं, लेकिन अपने शुरुआती करियर में उन्हें काफी स्ट्रगल का सामना भी करना पड़ा था. 70 और 80 के दशक में सलीम अकेले नहीं बल्कि जावेद अख्तर के साथ मिलकर काम करते थे. सलीम-जावेद की इस जोड़ी ने एक साथ करीब 10 हिट फिल्में बॉलीवुड को दी थी. जिनमें हाथी मेरे साथी, सीता और गीता, शोले जैसी कल्ट फिल्में शामिल हैं.


हीरो बनने मुंबई आए थे सलीम


सलीम साहब के लेखन का भला कौन कायल नहीं है, लेकिन क्या आप जानते हैं उनका पहला प्यार स्क्रिप्ट राइटिंग नहीं बल्कि एक्टिंग थी. जी हां, एक इंटरव्यू में सलीम खान ने बताया था कि जब वे करीब 23 साल के थे तो इंदौर में ताराचंद बड़जात्या के बेटे की शादी में शरीक हुए. उसी दौरान एक नामी निर्देशक ने सलीम को मुंबई आकर काम करने का न्योता दिया. हालांकी इसपर सलीम पहले तो थोड़ा हिचकिचाए क्योंकि उन्हें फिल्म जगत के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन बाद में मुंबई जाने का फैसला किया. लेकिन वो बतौर अभिनेता अपनी कोई खास पहचान बना नहीं पाए.


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लव लेटर्स ने बना दिया लेखक


एक इंटरव्यू में सलीम खान बताते हैं कि असल में उन्होंने लेखन का कोई खास शौक नहीं था लेकिन वो अपने दोस्तों के लिए प्रेम पत्र लिखा करते थे. जिससे उनकी लेखनी का सफर शुरू हुआ. वो कहते हैं कि किसी भी लेखक की यात्रा वहीं से शुरू होती है क्योंकि उस दौर में सोशल मीडिया और फोन नहीं हुआ करते थे.


सलीम ये भी बताते हैं कि प्यार में धोखा खाने के बाद ही उन्होंने मुंबई का रुख किया, उनका कहना है कि वो अपनी प्रेमिका से विवाह केवल इसलिए नहीं कर पाए क्योंकि लड़की के परिवारवालों को एक कामयाब लड़का चाहिए था अपने बेटे के लिए. तभी उन्होंने तय किया कि वो अपने आप को साबित कर के दिखाएंगे.


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ऐसे टूटी थी सलीम-जावेद


एक के बाद एक सुपरहिट फिल्में देने वाली जोड़ी आखिर क्यों टूट गई ये सवाल तो सबके जेहन में आता है. सलीम बताते हैं कि एक दिन अचानक जावेद आए और कहा कि मैं अलग होना चाहता हूं. तो सलीम ने सवाल किया ये खयाल अचानक तो नहीं आया होगा लेकिन अगर तुम अलग होना चाहते हो तो ठीक है. सलीम कहते हैं कि उस वक्त मुझे बहुत दुख हुआ और गुस्सा भी आया लेकिन क्योंकि वो तय कर चुके थे इसलिए उन्होंने जावेद को रोका नहीं.


प्यार में धोखा खाई हेलेन को मिला सलीम का साथ


वैसे तो आज के दौर में सलीम खान की फैमेली सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं पूरे देश के लिए एक मिसाल है. परिवार में हेलेन और सलीम खान की पहली पत्नी सलमा दोनों ही प्यार से रहती हैं. लेकिन शुरुआती दिनों में ऐसा नहीं था. अपने करियर के शुरुआती दौर में हेलेन का रिश्ता निर्माता पीएन अरोड़ा से जुड़ा. लेकिन इस प्यार को न जाने किसकी नजर लगी और रिश्ता टूट गया.



इस रिश्ते के टूटने के बाद हेलेन केवल भावनात्मक रूप से ही नहीं टूटीं बल्कि उनका करियर भी खत्म होने की कगार पर आ गया था और वो एक-एक पैसे की मोहताज हो गई थीं. ऐसे में सलीम खान ने न सिर्फ उनको संभाला बल्कि उनके करियर को भी एक नई उड़ान दी. इसके बाद इस इश्क ने सन 1981 में शादी का रूप ले लिया. हालांकि शुरुआती दौर में सलीम का परिवार और बच्चे उन्हें पसंद नहीं करते थे लेकिन आज हेलेन सबके दिलों पर राज करती हैं.


PM मोदी से है खास रिश्ता

पीएम मोदी और सलीम खान के रिश्ते काफी गर्मजोश भरे हुए हैं. सलीम खान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि नरेंद्र मोदी से उनकी पहली मुलाकात एक कार्यक्रम में हुई थी. उस मुलाकात में दोनों के बीच खूब बातें हुईं और वहां से दोस्ती की जो शुरुआत हुई वो आगे चलकर काफी प्रगाढ़ होती गई. जब मोदी लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में थे तब सलीम खान ने अपनी दोस्ती के तकाज़े को भरपूर निभाया और खुलकर मोदी का बचाव किया. मोदी के लिए उर्दू में वेबसाइट लॉन्च कराई और खुद उसकी जिम्मेदारी ली.

सलीम खान ने गुजरात दंगों पर तत्कालीन सीएम मोदी का बचाव किया है और मुसलमानों को ये बताया कि 2002 के बाद बीते 12 साल में उनके दौर में गुजरात में कोई दंगा नहीं हुआ. इस तरह उन्होंने ये भी कहा कि दंगे के लिए किसी सीएम को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है. हालांकि, अपनी दोस्ती की सीमाएं तय करते हुए सलीम खान ने मोदी की किसी चुनाव रैली में हिस्सा नहीं लिया.