Sonu Sood Unknown Facts: साउथ की दुनिया ने उन्हें सिनेमा में एंट्री दिलाई तो कोरोना महामारी ने उन्हें रियल लाइफ का हीरो बना दिया. 30 जुलाई के दिन पंजाब के मोगा में जन्मे सोनू सूद आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. आलम यह है कि वह साउथ सिनेमा से लेकर बॉलीवुड और हॉलीवुड में भी नाम कमा चुके हैं. बर्थडे स्पेशल में हम आपको सोनू सूद की जिंदगी के चंद पन्नों से रूबरू करा रहे हैं.
इंजीनियर बनते-बनते रह गए सोनू सूद
सोनू मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते थे. उनके पिता कपड़े की दुकान चलाते थे और वह अपने बेटे को इंजीनियर बनाना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने सोनू को नागपुर भेजा था. इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद सोनू सूद मुंबई पहुंच गए. उस वक्त उनके पास महज 5500 रुपये थे. ऐसे में सोनू को मुंबई में मुकाम बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा.
साउथ की फिल्मों ने दिखाया नया रास्ता
बता दें कि सोनू सूद ने 1996 के दौरान मिस्टर इंडिया कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया था, लेकिन जीत नहीं पाए. इसके बाद वह करीब तीन साल तक संघर्ष करते रहे, जिसके बाद साउथ सिनेमा ने उनके लिए नए रास्ते खोल दिए. साल 1999 में साउथ की फिल्म कालाझगर से बड़े पर्दे पर कदम रखा. वहीं, साल 2002 में शहीद भगत सिंह की जिंदगी पर बनी फिल्म शहीद ए आजम में दमदार किरदार निभाया. इसके बाद उन्हें साउथ की फिल्मों में काम मिलने लगा.
25 साल में कीं इतनी सारी फिल्में
बता दें कि सोनू सूद साउथ के अलावा हिंदी फिल्मों में भी काम कर चुके हैं. सलमान खान की फिल्म दबंग में उन्होंने दमदार विलेन छेदी सिंह का किरदार निभाया था. सिनेमा की दुनिया में सोनू 25 साल से ज्यादा वक्त बिता चुके हैं. इस दौरान उन्होंने 47 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. इनमें हॉलीवुड फिल्म भी शामिल हैं, जिसमें वह जैकी चैन के साथ नजर आए थे. बता दें कि सोनू सूद कई फिल्मों में लीड हीरो भी बन चुके हैं.
कोरोना काल में बने मसीहा
कोरोना महामारी के जब लोग परेशान थे. अपने-अपने घरों के लिए सड़कों पर भटक रहे थे, उस दौरान सोनू सूद उनके लिए मसीहा बनकर सामने आए. उन्होंने लोगों को उनके घरों तक पहुंचाया. साथ ही, मेडिकल इमरजेंसी में भी काफी मदद की. कोरोना का दौर बीत चुका है, लेकिन सोनू की मदद का सिलसिला आज भी जारी है.