नई दिल्ली: ‘पद्मावती’ के निर्माताओं ने फिल्म की रिलीज की तारीख टाल दी है, जिसके बाद सोमवार को तीन मुख्यमंत्री इस विवाद में कूद पड़े हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में फिल्म की रिलीज पर बैन लगा दिया, जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राजपूत समुदाय की आपत्तियों का समर्थन किया है. लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस विवाद को 'दुर्भाग्यपूर्ण' करार दिया और इसे अभिव्यक्ति की आजादी को धवस्त करने की एक 'सोची समझी योजना' बताया है. बता दें कि राजपूत समुदाय संजय लीला भंसाली की ऐतिहासिक फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ किए जाने का विरोध कर रहा है.


जम्मू एवं कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता और विधायक देवेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से राज्य में 'पद्मावती' की रिलीज पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है.


इस विवाद में तीनों मुख्यमंत्री ऐसे समय में कूदे हैं, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे फिल्म की रिलीज के मद्देनजर कानून-व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न होने की चिंता पहले ही जाहिर कर चुके हैं.



राजपूत समुदाय का कहना है कि फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ किया गया है. जबकि भंसाली लगातार इस आरोप को खारिज कर रहे हैं. चौहान ने भोपाल में राजपूत प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक के बाद घोषणा की कि फिल्म को उनके राज्य में रिलीज करने की इजाजत नहीं दी जाएगी.


शिवराज ने कहा, "फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से खिलवाड़ कर अगर राष्ट्रमाता पद्मावती जी के सम्मान के खिलाफ जो दृश्य दिखाए जाने की बात कही गई है तो मध्य प्रदेश की धरती पर फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने दिया जाएगा."


बीजेपी नेता ने कहा, "मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि देश की जनता और मध्य प्रदेश के लोग अपने अभिमान का अपमान स्वीकार नहीं कर सकते." चौहान ने कहा कि यह अपमान असहनीय है. उन्होंने कहा कि अगर सेंसर बोर्ड फिल्म को पास कर देता है और देश में फिल्म रिलीज भी हो जाती है तो भी राज्य में इस फिल्म को रिलीज नहीं होने दिया जाएगा.


अमरिंदर ने अपनी टिप्पणी में कहा, "कुछ भी ऐतिहासिक है तो ..कोई भी विरोध नहीं करेगा, लेकिन यहां वे ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ कर रहे हैं." उन्होंने कहा, "मैं चित्तौड़ जाकर वापस आया हूं और मैंने वहां सारी चीजें देखीं.. तो यह इतिहास के साथ छेड़छाड़ है और कोई इसे स्वीकार नहीं करेगा."


सिंह ने कहा, "और अगर समुदाय इसका विरोध कर रहे हैं तो विरोध करना उनका अधिकार है."



नेशनल कान्फ्रेंस (एनसी) के विधायक देवेंद्र राणा ने जम्मू एवं कश्मीर में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से राज्य में ‘पद्मावती’ की रिलीज पर बैन लगाने की अपील की है.


महबूबा को लिखे एक पत्र में राणा ने कहा, "संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती की रिलीज एक विशेष जाति और धर्म की भावनाओं को आहत करती है और जम्मू क्षेत्र में शांति को बाधित करने की क्षमता रखती है."


उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में इस मुद्दे पर जम्मू क्षेत्र के बहुत सारे प्रतिनिधि उनसे मिले और राज्य में फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की बात कही. ये टिप्पणियां पद्मावती की रिलीज स्थगित करने के एक दिन बाद आई हैं. फिल्म एक दिसंबर को रिलीज होने वाली थी.


उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा था कि जब तक फिल्म से विवादित दृश्य नहीं हटाए जाते, तब तक इसे राज्य में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा.


यहां तक कि राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शनिवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि 'पद्मावती' जरूरी बदलाव किए बिना रिलीज न हो.


लेकिन ममता बनर्जी ने इस विवाद की निंदा की है और इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए अभिव्यक्ति की आजादी को धवस्त करने की एक 'सोची समझी योजना' बताया है.


 





बनर्जी ने ट्वीट किया, "पद्मावती विवाद न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि एक राजनीतिक दल द्वारा हमारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को धवस्त करने की सोची समझी योजना भी है. हम इस सुपर आपातकाल की निंदा करते हैं."


तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने फिल्म जगत से एकजुट होकर इसका विरोध करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा, "फिल्म जगत के सभी लोगों को एक साथ आकर इसका एक स्वर में विरोध करना चाहिए."


कुछ हिंदू संगठन खास तौर से राजस्थान की करणी सेना इस फिल्म की रिलीज का बड़े पैमाने पर विरोध कर रही है. जबकि कुछ राजनीतिक गुटों ने गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर फिल्म की रिलीज को स्थगित करने की मांग की है.


फिल्म 'पद्मावती' में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह प्रमुख भूमिकाओं में हैं.


यहां देखें फिल्म का ट्रेलर...