शम्मी कपूर और गीता बाली की लव स्टोरी के खूब चर्चे थे. एक्टर ने गीता बाली संग शादी के लिए अपने पूरे परिवार संग बगावत कर ली थी. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. सन 1965 में बीमारी के बाद उनका निधन हो गया. कुछ वर्षों के बाद, शम्मी ने नीला देवी से शादी की और उन्होंने गीता बाली के दोनों बच्चों की जिम्मेदारी उठा ली. शम्मी से शादी के समय ही उन्होंने ये तय कर लिया था कि वो अपने बच्चों को कभी जन्म नहीं देंगी.


नीला देवी ने लिया था ये फैसला


ETimes के साथ कुछ समय पहले एक बातचीत में, नीला देवी से उनके मां न बनने के फैसले के बारे में पूछा गया था. इस पर उन्होंने कहा कि यह "100 प्रतिशत मेरा फैसला था" और कहा कि उनके परिवार ने उन्हें कभी मजबूर नहीं किया लेकिन जब उन्होंने अपने फैसले की घोषणा की तो उन्होंने कई सवाल पूछे. नीला ने एक वाकया बताया जो शम्मी से शादी के कुछ समय बाद ही हुआ था. उन्होंने याद किया कि एक बार, जब वह अपनी बहन के बच्चों से मिलने जा रही थी, जो उनके बहुत करीब थे, तो शम्मी ने उन्हें अपनी गोद में बैठे देखा. "उन्होंने उस समय कुछ नहीं कहा, लेकिन जब हम घर आए, तो उन्होंने सिर्फ एक वाक्य कहा 'मुझे उस दिन सबसे ज्यादा खुशी होगी जब मैं कंचन और आदित्य को तुम्हारी गोद में देखूंगा'."


शम्मी के कहने पर भी नहीं बदला फैसला


नीला देवी ने कहा कि वह दिन था जब उन्होंने फैसला किया कि वह यह सुनिश्चित करेंगी कि शम्मी के बच्चे भी उनके बच्चे बनें. उन्होंने कहा, “उस दिन मैंने फैसला किया कि मैं यह देखूंगी कि वे मेरे असली बच्चे बनें और उन्होंने मुझे निराश नहीं किया. वे दोनों अद्भुत रहे हैं. उन्होंने मेरे प्रति जो सम्मान, प्यार और देखभाल दिखाई, वह इसके लायक था. सब कुछ इसके लायक था, मुझे इस बात का एक बार भी पछतावा नहीं है कि मैंने नहीं किया… ”


यह पूछे जाने पर कि क्या शम्मी कपूर ने उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा, उन्होंने कहा, “उन्होंने मुझसे कई बार पूछा. उन्होंने कहा 'तुम क्यों नहीं चाहते?' मैंने कहा 'मैं अपने बच्चों के साथ बहुत खुश हूं'. उन्होंने मेरे बच्चों के साथ मेरे बंधन को देखा. उन्होंने खुद देखा.''


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