एक्सप्लोरर

बिहार चुनाव एग्जिट पोल 2025

(Source:  ABPLIVE पत्रकारों का Exit Poll)

Birthday Special: इस तरह अपने किरदार को जिया कि अपनी ही फिल्म के प्रीमियर में नहीं गए संजय मिश्रा

Happy Birthday Sanjay Mishra: संजय मिश्रा सिनेमा के बेहतरीन कलाकारों में से एक हैं. उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनका अनोखा किस्सा बताएंगे. जानें क्यों अपनी फिल्म के प्रीमियर में नहीं गए एक्टर

वह अभिनेता जो पर्दे पर आते ही सीन को अपना बना लेता है, कभी ‘दुबे जी’ बनकर, तो कभी ‘बाबूजी’ बनकर. चेहरे पर एक सहज मुस्कान, आंखों में गहराई और आवाज में अपनापन. यह कोई और नहीं संजय मिश्रा हैं, हिंदी सिनेमा के सबसे अच्छे अभिनेताओं में से एक.

बनारस की गलियों से होते हुए यह शख्स नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा पहुंचा, वहां से अभिनय की तालीम ली और कैमरे के सामने ऐसा निभाया कि लोग उनके फैन हो गए. जन्मदिन के मौके पर जानते हैं वो रोचक किस्सा जब उन्होने अपनी ही फिल्म के प्रीमियर में जाने से किया था इंकार 

हर किरदार को शिद्दत से निभाते हैं संजय मिश्रा 
6 अक्टूबर 1963 को जन्मे संजय मिश्रा भारतीय सिनेमा के उन चुनिंदा अभिनेताओं में से हैं, जिन्होंने अपनी दमदार अभिनय क्षमता और बेमिसाल कॉमिक टाइमिंग से एक अलग पहचान बनाई है. संजय मिश्रा ने टीवी से लेकर बड़े पर्दे तक अपने अभिनय का जादू फैलाया है.

वह सिर्फ ‘कॉमेडियन’ नहीं बल्कि ‘कैरेक्टर आर्टिस्ट’ के प्रतीक माने जाते हैं, जो हर फिल्म में अपनी सादगी, गहराई और ईमानदारी का रंग भरते हैं.उनकी कुछ यादगार फिल्में हैं ‘गोलमाल’, ‘धमाल’, ‘आंखों देखी’, ‘मसान’, ‘कड़वी हवा’, ‘किक’, और ‘सन ऑफ सरदार 2’.

लोग कहते हैं कि वह किरदार के भीतर उतर जाने की कला में माहिर हैं. चाहे ‘गोलमाल’ में कॉमेडी की बौछार हो या ‘आंखों देखी’ में आत्मचिंतन की यात्रा, संजय मिश्रा हर भूमिका में अपने हिस्से की सच्चाई डालते हैं.

वह बड़े स्टारडम के पीछे नहीं भागते, बल्कि छोटी-सी भूमिका को भी ऐसा रंग दे जाते हैं कि याद वहीं ठहर जाती है. उनका कहना है, 'अभिनय मेरे लिए नौकरी नहीं, ध्यान है.' शायद इसलिए उनके किरदार सिर्फ किरदार नहीं, पर्दे पर जीवित होते दिखाई देते हैं.
Birthday Special: इस तरह अपने किरदार को जिया कि अपनी ही फिल्म के प्रीमियर में नहीं गए संजय मिश्रा

अपनी ही फिल्म की प्रीमियर में क्यों नहीं गए संजय मिश्रा ?
संजय मिश्रा की फिल्म ‘आंखों देखी’ से जुड़ा एक किस्सा अनूठा है. इस फिल्म के किरदार से वह ऐसे जुड़े थे कि मूवी बनने के बाद प्रीमियर में जाने से मना कर दिया था.फिल्म 'आंखों देखी' (2014) में उनका किरदार राजे बाबू, सिर्फ एक भूमिका नहीं थी, यह उनके व्यक्तित्व का विस्तार बन गया था. एक ऐसा किरदार जिसने उन्हें समीक्षकों की नजर में रातों-रात नया मुकाम दे दिया.'आंखों देखी' फिल्म की कहानी एक ऐसे व्यक्ति राजे बाबू के बारे में है, जो यह तय करता है कि अब से वह केवल उन्हीं बातों को सच मानेगा, जिन्हें उसने खुद अपनी आंखों से देखा है.

इस किरदार की सादगी और उसका अनोखा नजरिया संजय मिश्रा के मन में इतनी गहराई तक उतर गया था कि वह फिल्म की शूटिंग के बाद भी उसे जीते रहे. जब फिल्म 'आंखों देखी' के प्रीमियर और स्पेशल स्क्रीनिंग का समय आया, तो सभी कलाकारों को उम्मीद थी कि संजय मिश्रा भी अपनी इस खास फिल्म के लिए वहां पहुंचेंगे. लेकिन, उन्होंने इवेंट में जाने से साफ इनकार कर दिया. जब उनसे इस फैसले की वजह पूछी गई, तो उन्होंने एक ऐसी बात कही, जिसने सबको चौंका दिया.उन्होंने कहा, 'मैं इस फिल्म को एक आम फिल्म की तरह नहीं देख सकता हूं. अगर मैं 'राजे बाबू' बनकर फिल्म देखने जाऊंगा, तो मुझे लगेगा कि मैं एक झूठ देख रहा हूं.'
Birthday Special: इस तरह अपने किरदार को जिया कि अपनी ही फिल्म के प्रीमियर में नहीं गए संजय मिश्रा

भारतीय सिनेमा के बेहतरीन अभिनेताओं में शुमार हैं एक्टर 
संजय मिश्रा का कहना था कि यह फिल्म एक ऐसी चीज है, जिसे उन्होंने खुद 'देखी' नहीं, बल्कि 'जिया' है. उनका यह फैसला उनकी कला के प्रति अटूट ईमानदारी और समर्पण को दिखाता है. यही कारण है कि 'राजे बाबू' का किरदार इतना सच्चा और यादगार बन पाया, जिसने उन्हें 'फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवॉर्ड' से सम्मानित कराया और भारतीय सिनेमा के बेहतरीन अभिनेताओं में शुमार कर दिया.

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

चार डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर NIA-जम्मू पुलिस का छापा, रेड फोर्ट ब्लास्ट से निकला सीधा लिंक
चार डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर NIA-जम्मू पुलिस का छापा, रेड फोर्ट ब्लास्ट से निकला सीधा लिंक
जिधर नीतीश कुमार उधर सरकार, JDU के हाथ में आई सत्ता की चाबी? एग्जिट पोल के आंकड़ों ने पलटा खेल
जिधर नीतीश कुमार उधर सरकार, JDU के हाथ में आई सत्ता की चाबी? एग्जिट पोल के आंकड़ों ने पलटा खेल
भारत बनाम साउथ अफ्रीका टेस्ट इतिहास में कौन सी रही है सबसे बड़ी जीत, जानिए टॉप 5 मैचों के बारे में सब
भारत बनाम साउथ अफ्रीका टेस्ट इतिहास में कौन सी रही है सबसे बड़ी जीत, जानिए टॉप 5 मैचों के बारे में सब
Thamma Box Office Collection Day 23: ‘थामा’ की बॉक्स ऑफिस पर हालत खस्ता, चंद लाख कमाने भी हुए मुश्किल, जानें- 23 दिनों का टोटल कलेक्शन
‘थामा’ की बॉक्स ऑफिस पर हालत खस्ता, चंद लाख कमाने भी हो रहे मुश्किल
Advertisement

वीडियोज

Sandeep Chaudhary: फिर Nitish Kumar...या अबकी बार Tejashwi सरकार?
Bihar Exit Poll 2025: अनुमान से अलग आएगा वोट परिणाम?
14 साल बाद आतंकी हमला
Red Fort Blast: दिल्ली ब्लास्ट का मास्टरमाइंड उमर जिंदा है या धमाके में मर गया?
Bihar Exit Poll: बिहार में एग्जिट पोल का रियलिटी चेक | Janhit With Chitra | Tejashwi | Nitish
Advertisement

फोटो गैलरी

Advertisement
Petrol Price Today
₹ 94.77 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.67 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
चार डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर NIA-जम्मू पुलिस का छापा, रेड फोर्ट ब्लास्ट से निकला सीधा लिंक
चार डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर NIA-जम्मू पुलिस का छापा, रेड फोर्ट ब्लास्ट से निकला सीधा लिंक
जिधर नीतीश कुमार उधर सरकार, JDU के हाथ में आई सत्ता की चाबी? एग्जिट पोल के आंकड़ों ने पलटा खेल
जिधर नीतीश कुमार उधर सरकार, JDU के हाथ में आई सत्ता की चाबी? एग्जिट पोल के आंकड़ों ने पलटा खेल
भारत बनाम साउथ अफ्रीका टेस्ट इतिहास में कौन सी रही है सबसे बड़ी जीत, जानिए टॉप 5 मैचों के बारे में सब
भारत बनाम साउथ अफ्रीका टेस्ट इतिहास में कौन सी रही है सबसे बड़ी जीत, जानिए टॉप 5 मैचों के बारे में सब
Thamma Box Office Collection Day 23: ‘थामा’ की बॉक्स ऑफिस पर हालत खस्ता, चंद लाख कमाने भी हुए मुश्किल, जानें- 23 दिनों का टोटल कलेक्शन
‘थामा’ की बॉक्स ऑफिस पर हालत खस्ता, चंद लाख कमाने भी हो रहे मुश्किल
दिल्ली में सांसदों के अपार्टमेंट में लगी आग, बिजली बोर्ड में शॉर्ट सर्किट से बड़ा हादसा
दिल्ली में सांसदों के अपार्टमेंट में लगी आग, बिजली बोर्ड में शॉर्ट सर्किट से बड़ा हादसा
Special Feature: ऐश्वर्या राय सरकार, स्टाइल और संस्कृति का संगम
ऐश्वर्या राय सरकार: स्टाइल और संस्कृति का संगम
काउंटिंग सेंटर में गलती से भी नहीं ले जा सकते ये चीजें, तुरंत पकड़ लेती है पुलिस
काउंटिंग सेंटर में गलती से भी नहीं ले जा सकते ये चीजें, तुरंत पकड़ लेती है पुलिस
ISRO में नौकरी का सुनहरा मौका, अहमदाबाद स्पेस सेंटर में निकली भर्ती; 90 हजार से ज्यादा सैलरी
ISRO में नौकरी का सुनहरा मौका, अहमदाबाद स्पेस सेंटर में निकली भर्ती; 90 हजार से ज्यादा सैलरी
Embed widget