Bollywood: एक टीवी इंटरव्यू में सलीम खान ने अपने बचपन की कहानी बया करते हुए आजकल की फैमिली वैल्यूज पर तंज कसा. उन्होंने कहा,'' महज 8 साल का था. मैं मां के साथ इंदौर में आ चुका था. पढ़ाई लिखाई भी शुरू हो चुकी थी. एक दिन तमाम बच्चों की भीड़ के साथ एक खिलौने वाला कॉलोनी में गली से गुजरा तो उत्सुकता के चलते मैं भी बच्चों के साथ इर्द-गिर्द घूमने लगा. तभी मुझे स्टॉल पर एक कार पसंद आ गई. मौका देकर मैंने उसे स्टॉल से उठा लिया.


सलीम खान ने आगे बताया,''भीड़ होने के चलते दुकानदार को नहीं पता चला और मैं आगे बढ़ गया. खिलौना लेकर मैं घर पहुंचा. मां ने मुझे पैसे दिए नहीं थे तो खिलौना कैसे आया, इस सवाल पर मैंने खामोशी ओढ़ ली. मां ने आंखों में आंखें डाल कर कहा, बहुत बुरी बात है सलीम, इसी वक्त जाओ. साथ घर में काम करने वाले एक व्यक्ति को भी भेजा और कहा कि जाकर खिलौने वाले के स्टॉल पर इसे रखवाओ, सलीम वहां यह खुद कहेगा कि यह कार उसने चुराई है.''


इसके बाद सलीम वापस स्टॉल पहुंचते हैं, लेकिन उम्र इतनी समझदार हो चुकी थी कि मां के कहे गए शब्द चोरी का इस्तेमाल करने में शर्मिंदगी महसूस हो. ऐसे में खिलौना रखते हुए कहा कि मामा मैं भीड़ में यह खिलौना उठा कर घर चला गया था, अब वापस रख रहा हूं.''


सलीम बताते हैं कि, ''इतना कहते ही साथ आए घर के स्टाफ ने मुझे टोक दिया, जो मैडम ने कहा है सही-सही वैसे ही कहो. यह देखकर आसपास के मौजूद बच्चे मुझ पर हंस पड़े. उनकी हंसी ने मुझे और शर्मिंदा महसूस करवाया. जैसे तैसे मां के शब्दों को मैं बोलकर वहां से भाग खड़ा हुआ और घर आकर खुद को कमरे में बंद कर लिया. अब दिमाग में वही शब्द गूंज रहे थे, मामा मैंने आपके स्टाल से यह कार चुराई थी, अब रखने आया हूं. यह थी हमारी ट्रेनिंग और शायद यही वजह थी कि आज भी चोरी तो क्या बेईमानी का भी ख्याल आता है तो मां की बरसों पुरानी सीख याद आ जाती है.''


 


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