Raaj Kumar Unknown Facts: राजकुमार का अंदाज अलहदा था. चाहे उनका सिगार पीने का तरीका हो या डायलॉग बोलने का हिसाब आज भी लोगों की जुबां पर रहता है. राजकुमार का औरा सिर्फ आम लोगों तक ही नहीं, बल्कि उस जमाने के दिग्गज सितारों के दिमाग में भी रहता था. यही वजह रही कि नसीरुद्दीन शाह और रजनीकांत ने तो उनके साथ फिल्म करने से ही इनकार कर दिया था. आइए आपको इस किस्से से रूबरू कराते हैं. 


तिरंगा में बनी पूरब-पश्चिम की जोड़ी


राजकुमार सिर्फ अपने स्टाइल के लिए ही नहीं, बल्कि बेबाकी के लिए भी जाने जाते थे. वह अपना अनुशासन शूटिंग के सेट पर भी बरकरार रखते थे, जिसके चलते अधिकतर सितारे उनसे खौफ खाते थे. ऐसा ही एक वाकया फिल्म तिरंगा के दौरान भी हुआ. 29 जनवरी 1993 के दिन रिलीज हुई फिल्म 'तिरंगा' में नाना पाटेकर और राजकुमार ने अहम भूमिकाएं निभाई थीं. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उस जमाने में नाना पाटेकर और राजकुमार को पूरब-पश्चिम जैसा माना जाता था. ऐसे में अटकलें लगती थीं कि यह फिल्म तो परवान ही नहीं चढ़ पाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.


इन सितारों ने जोड़ लिए थे हाथ


फिल्म 'तिरंगा' में राज कुमार ने ब्रिगेडियर सूर्यदेव सिंह का किरदार निभाया, जबकि नाना पाटेकर इंस्पेक्टर शिवाजीराव वाघले बने थे. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इंस्पेक्टर वाघले के किरदार के लिए पहले नसीरुद्दीन शाह और रजनीकांत से संपर्क किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इंस्पेक्टर शिवाजी राव वाघले के रोल के लिए सबसे पहले नसीरुद्दीन शाह से बात की गई थी. जब उन्हें राजकुमार के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर करने का पता चला तो उन्होंने फिल्म करने से इनकार कर दिया. वहीं, इसके बाद डायरेक्टर मेहुल कुमार ने रजनीकांत की ओर रुख किया, लेकिन उन्होंने भी राजकुमार की मौजूदगी की वजह से यह फिल्म नहीं की. 


इस शर्त पर फिल्म से जुड़े थे नाना पाटेकर


नसीरुद्दीन और रजनीकांत के बाद मेहुल ने नाना पाटेकर को फोन किया. सबसे पहले तो उन्होंने कमर्शियल फिल्म करने से इनकार कर दिया, लेकिन मेहुल कुमार उन्हें मनाने में कामयाब रहे. अब राजकुमार को नाना की एंट्री का पता चला तो उन्होंने डायरेक्टर से कहा, 'अरे मेहुल! उसका दिमाग बहुत खराब रहता है. सुना है कि वह तो सेट पर गालीगलौज कर देता है.' इस पर मेहुल कुमार ने बताया कि नाना ने सिर्फ एक ही शर्त रखी है. उन्होंने कहा है कि अगर राज साहब इंटरफेयर करेंगे, तब वह सेट छोड़कर चले जाएंगे. राजकुमार इसके लिए राजी हो गए और फिल्म तिरंगा सुपरहिट साबित हुई. कहा जाता है कि शूटिंग सेट पर नाना-राज ने कभी एक-दूसरे से बात नहीं की. दोनों अपनी-अपनी किताबों में व्यस्त रहते थे.


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