नई दिल्ली:  राजस्थान में संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म 'पद्मावत' के रिलीज होने की परेशानियां खत्म होती दिखाई नहीं दे रही है. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है.


राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फिल्म पर प्रतिबंध के निर्णय के विरुद्ध पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि पुनर्विचार याचिका सोमवार या मंगलवार को दायर की जायेगी. उन्होंने याचिका को मजबूती देने के लिये करणी सेना को भी याचिका में पार्टी बनने का आग्रह किया है.

आमजन की भावनाओं का रखें ध्यान


करणी सेना के नेताओं के साथ एक बैठक के बाद कटारिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का अध्ययन करने के बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि आमजन की भावनओं का ध्यान रखा जाये. उन्होंने कहा कि बैठक में सेना के नेताओं को आमंत्रित किया गया था और सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर दायर की जाने याचिका को मजबूत करने लिये उन्हें भी पार्टी बनने का आग्रह किया गया था. करणी सेना के साथ साथ मेवाड के राज परिवार को भी याचिका का हिस्सा बन सकती है.

पद्मावत विवाद: प्रसून जोशी को करणी सेना ने दी धमकी- जयपुर आए तो 'बुरी तरह पीटे' जाएंगे

श्री राजपूत करणी सेना के संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी ने कहा कि भंसाली प्रोडक्शन कम्पनी ने श्री राजपूत करणी सेना और जयपुर के श्री राजपूत सभा एक पत्र भेजा है. लेकिन यह पत्र मूर्ख बनाने के लिये भेजा गया है. इस पत्र को जला दिया जायेगा और इसका कोई जवाब नहीं दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि इसमें कुछ नहीं है बल्कि यह फिल्म निर्माता द्वारा एक नाटक है. इसमें फिल्म की प्रदर्शन की कोई तारीख नहीं दे रखी है.

कालवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय फिल्म के प्रतिबंध के विरोध में दिया है, लेकिन अब देश भर रिलीज हो रही फिल्म को रोकने के लिये ‘जनता कर्फ्यू’ लगाया जायेगा. उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के सम्मान में हम देश व्यापी बंद का आयोजन नहीं करेंगे लेकिन अब जनता सिनेमा घरों पर कर्फ्यू लगायेगी.

‘पद्मावत’ का केस लड़ रहे हरीश साल्‍वे को मिली जान से मारने की धमकी, केस दर्ज

कालवी ने कहा कि ‘जनता कर्फ्यू’ के लिये फिल्म वितरकों, सिनेमा घरों के मालिकों, और जनता को आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड और केन्द्र सरकार अभी भी चलचित्र अधिनियम के तहत फिल्म पर प्रतिबंध लगा सकती है. उन्होंने कहा कि यह मामला केवल राजपूत समाज का नहीं बल्कि फिल्म को लेकर पूरे देश के लोगों में असंतोष है. लोगों की भावनाएं आहत हुई है और सरकार को फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के लिये आगे आना चाहिए.

दूषित मानसिकता के शिकार हैं प्रसून जोशी

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हाल में बाडमेर आये थे और उन्होंने अपने भाषण में कई राजपूत विभूतियों का जिक्र किया लेकिन उन्होंने रानी पद्मावती का जिक्र नहीं किया. श्री राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल सिंह ने कहा कि जोशी दूषित मानसिकता के शिकार है, जिसे उन्होंने फिल्म को प्रमाण पत्र जारी कर दर्शा दिया है. उन्होंने कहा कि जोशी को राजस्थान में प्रवेश नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा यदि वो आतें है तो स्वयं की जिम्मेदारी पर आयें. उन्होंने फिल्म के विरोध में सैनिकों से एक दिन का मैस का और एक दिन हथियार का बहिष्कार करने का आग्रह किया.

सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी 25 जनवरी से शुरू हो रहे पांच दिवसीय जयपुर लिटेचर फेस्टिवल के दौरान 28 जनवरी को हिस्सा लेने वाले है. वहीं, फिल्म वितरक राज बंसल ने पीटीआई—भाषा को बताया, ‘‘मैं फिल्म और फिल्म के वितरण के अधिकारों को नहीं खरीदूंगा, क्योंकि मैं 24 जनवरी को पारिवार के साथ छुट्टियों पर देश से बाहर जा रहा हूं.’’ उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निण्रय के बाद फिल्म को खरीदने और वितरण के अधिकार लिये जा सकते थे, लेकिन राजस्थान के लोगों की भावनाओं के दृष्टिगत उन्होंने फिल्म खरीदने की बजाय छुट्टियों पर जाने को प्राथमिकता दी है.

'पद्मावत' पर बैन के लिए फिर सुप्रीम कोर्ट जा सकती है शिवराज सरकार

एंटरटेंनमेंट पेराडाईज के प्रबंधक गोविन्द खंडेलवाल ने बताया कि यदि फिल्म वितरक फिल्म खरीदने के लिये तैयार नहीं होते तो फिल्म निर्माता फिल्म के प्रदर्शन के लिये सिनेमा घरों से सम्पर्क करते है लेकिन पद्मावत को लेकर असमंजस बरकरार है. राजमंदिर सिनेमा के प्रबंधक अशोक तंवर ने कहा जब वितरकों ने फिल्म के अधिकार नहीं खरीदे है तो फिल्म को परदे पर उतरने का को प्रश्न ही नहीं उठता. जो लोग फिल्म को परदे पर उतरने को लेकर हमसे पूछताछ कर रहें है, उन्हें हम बता रहें कि हमें फिल्म के परदे पर उतरने की उम्मीद नहीं है. राजस्थान में करीब 280 स्क्रीन है.