पाक एक्टर फवाद खान की फिल्म 'अबीर गुलाल' के सपोर्ट में उतरे प्रकाश राज, बोले- 'बैन नहीं लगा सकते'
Prakash Raj Supports Abir Gulaal: पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान की फिल्म 'अबीर गुलाल' की भारत में रिलीज पर रोक लगा दी है. बॉलीवुड एक्टर प्रकाश राज ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है.

Prakash Raj Supports Abir Gulaal Release: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार पाकिस्तान के खिलाफ एक के बाद एक एक्शन ले रही है. इसी कड़ी में सरकार ने पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान की फिल्म 'अबीर गुलाल' की भारत में रिलीज पर रोक लगा दी है. इसे लेकर अब प्रकाश राज ने रिएक्ट किया है. उनका कहना है कि फिल्म की भारत में रिलीज पर बैन नहीं लगाना चाहिए.
'अबीर गुलाल' पर लगे बैन पर प्रकाश राज ने द लल्लनटॉप से कहा कि ये फैसला दर्शकों को करने देना चाहिए कि उन्हें फिल्म देखनी है या नहीं. एक्टर ने कहा- 'मैं किसी भी फिल्म पर बैन लगाने के हक में नहीं हूं, चाहे वो राइट-विंग हो या प्रोपैगेंडा फिल्म. लोगों को फैसला करने दें. लोगों के पास हक है. आप फिल्मों पर बैन नहीं लगा सकते, जब तक कि वो पोर्नोग्राफी या बाल शोषण के बारे में न हो. लेकिन थॉट प्रॉसेस? तो क्या? उन्हें आने दो.'
'दीपिका पादुकोण की नाक काट दूंगा! मैं उसका सिर काट दूंगा'
प्रकाश राज ने आगे शाहरुख खान की 'पठान' में गाने 'बेशर्म रंग' को लेकर हुए विवाद को याद किया. मिसाल देते हुए उन्होंने कहा- 'आज कोई भी आहत हो सकता है. मैं दीपिका पादुकोण की नाक काट दूंगा! मैं उसका सिर काट दूंगा! लेकिन उससे क्या होगा? शाहरुख खान, सिर्फ रंग की वजह से? बेशरम रंग ना, वे किसी भी चीज के बारे में शोर मचा सकते हैं जो उन्हें पसंद नहीं है.'
प्रकाश राज ने सरकार को ठहराया जिम्मेदार
दिग्गज एक्टर ने इस दौरान सरकार पर भी आरोप लगाए. उन्होंने कहा- 'वर्तमान सत्ता इसे होने दे रही है. वे इसे होने देने के लिए उन्हें सपोर्ट दे रहे हैं, ताकि समाज में डर पैदा हो. इस देश में कुछ फिल्में नहीं बन रही हैं. वे इसे नहीं बनने देंगे क्योंकि वहां सेंसरशिप है. स्टेट सेंसरशिप थी. अब, वे साफ तौर पर इसे सेंट्रल सेंसरशिप में ले आए हैं. वे तय करते हैं कि क्या बनाया जाए. फिल्म इंडस्ट्री बहुत ही इनसिक्योर इंडस्ट्री है. वहां पैसा है. इसलिए उनका पूरा विचार इतना डर पैदा करना है कि अगली पीढ़ी ये तय कर ले कि वे वो भी न लिखें जो वे लिखते. वे इस तरह का विमर्श नहीं चाहते.'
Source: IOCL






















