बॉलीवुड अभिनेता परेश रावल की आने वाली फिल्म 'द ताज स्टोरी' को लेकर विवाद पर मेकर्स ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए यह साफ किया है कि यह फिल्म किसी धार्मिक मुद्दे से जुड़ी नहीं है. साथ ही उन्होंने लोगों से रिक्वेस्ट की कि किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले थोड़ा इंतजार करें.

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फिल्म धार्मिक विवाद से दूर

अभिनेता परेश रावल ने भी अपने एक्स हैंडल पर एक बयान जारी किया है. इसमें उन्होंने लिखा, फिल्म ‘द ताज स्टोरी’ के ऑथर क्लियर करते हैं कि यह फिल्म किसी भी रिलिजियस मुद्दो से जुड़ी नहीं है और न ही यह दावा करती है कि ताजमहल के भीतर कोई शिव मंदिर है. फिल्म केवल हिस्टोरिकल फैक्ट्स पर बेस्ड है. हम दर्शकों से रिक्वेस्ट करते हैं कि वे फिल्म देखें और स्वयं अपनी राय बनाएं. धन्यवाद, स्वर्णिम ग्लोबल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड.

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यह क्लेरिफिकेशन तब आया है जब फिल्म के एक पोस्टर को लेकर विवाद हो गया था. इसमें परेश रावल ताजमहल के डोम को पकड़े हुए दिखाई दे रहे थे और अंदर शिव की मूर्ति रखी दिख रही थी. इसके चलते सोशल मीडिया पर लोगों ने फिल्म को ताजमहल को शिव मंदिर बताने वाले कंट्रोवर्शियल दावों से जोड़ लिया, जबकि यह सच नहीं है. फिल्म किसी विवाद में न फंस जाए इसलिए मेकर्स ने क्लेरिफिकेशन जारी किया है. मेकर्स ने अब वह क्लेरिफिकेशन पोस्टर सोशल मीडिया से हटा लिया है.

फिल्म और रिलीज़ की जानकारी

इसे परेश रावल ने भी अपनी 'एक्स' टाइमलाइन पर शेयर किया था. इसके पोस्टर पर लिखा था, क्या होगा अगर आपको जो कुछ भी सिखाया गया है वह सब झूठ हो? सच्चाई सिर्फ छुपाई नहीं जाती, उसका असेसमेंट किया जा रहा है. 31 अक्टूबर को अपने नजदीकी थिएटर में द ताज स्टोरी के साथ फैक्ट का खुलासा होते देखें.

पिछले महीने ही फिल्म के मेकर्स ने इसका टीजर जारी किया था. इसमें परेश रावल इंटेलेक्चुअल टेररिज्म पर अदालत में बहस करते दिख रहे थे. ‘द ताज स्टोरी’ में जाकिर हुसैन, अमृता खानविलकर, स्नेहा वाघ और नमित दास जैसे कलाकार भी हैं. इस फिल्म को तुषार अमरीश गोयल ने लिखा और डायरेक्ट किया है. यह फिल्म 31 अक्टूबर को थिएटर में रिलीज होगी.