नई दिल्ली: 'पद्मावत' कल ही रिलीज होने वाली है और इस फिल्म को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फिल्म को हरी झंडी दे दी है. आज राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकारों की उस याचिका को देश की सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया जिसमें इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की गई थी. जिस मुद्दे को लेकर राजपूत समाज इस फिल्म का विरोध कर रहा है उस पर भंसाली कई बार सफाई पेश कर चुके हैं. फिल्म की रिलीज से पहले ये फिल्म भंसाली ने ये फिल्म कुछ पत्रकारों के लिए स्क्रीनिंग कराई. आइए जानते हैं कि उन्होंने इस फिल्म के बारे में क्या लिखा है-


अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की मैनेजिंग एडिटर सोनल कालरा ने इस फिल्म के बारे में ट्विटर पर लिखा, ''पद्मावती देख ली है और ये फिल्म ऐसी नहीं है कि इसकी रिलीज पर बार-बार बहस हो. अगर करनी है तो इस फिल्म के दिलचस्प स्टोरी टेलिंग और विजुअल इफेक्टस पर होनी चाहिए. शाहिद कपूर इस फिल्म में शालीन हैं, दीपिका पादुकोण की आंखें बोलती हैं और ये फिल्म पूरी तरह रणवीर सिंह की है. अभिनेता Jim Sarbh ने अपनी एक्टिंग से सरप्राइज कर दिया है.''





पत्रकार अनंत विजय ने लिखा है, ''पद्मावत में रानी पद्मावती और खिलजी एक भी फ्रेम में साथ नहीं दिखे हैं. विरोध करने और बवाल मचाने की वजह समझ में नहीं आ रही. दीपिका पादुकोण इस फिल्म में  बहुत ही ग्रेसफुल दिखी हैं. इस फिल्म में कुछ भी ऐसा नहीं है जिसकी वजह से विरोध हो. इस फिल्म को देखकर राजपूत समाज गौरवान्वित महसूस करेगा. दीपिका, रणवीर और शाहिद ने किरदारों को जीवंत कर दिया है.''

 




फिल्म इग्ज़िबिटर अक्षय राठी ने लिखा है, ''कल ट्रेड के कुछ सदस्यों ने पद्मावत देखी और उन्होंने उसके बाद कहा- भंसाली ने जिस तरह इस फिल्म में रानी पद्मावती को दिखाया है उसे देखकर हर राजपूत को गर्व होगा. फिल्म देखने के बाद सारी गलतफहमियां दूर हो जाएंगी.''





बता दें कि ये फिल्म पहले 1 दिसंबर 2017 को रिलीज होने वाली थी लेकिन देश भर के कई राज्यों में फिल्म का जबरदस्त विरोध किया गया. इसके बाद मेकर्स ने फिल्म की रिलीज को टाल दिया था और बाद में एलान किया था कि ये फिल्म 24 जनवरी को रिलीज की जाएगी. इस फिल्म की एडवांस बुकिंग भी शुरू हो चुकी है. इस फिल्म में मुख्य भूमिका में दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर हैं. सेंसर बोर्ड ने जो भी बदलाव करने को कहा था वो सब मेकर्स ने कर दिया है लेकिन उसके बावजूद विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है.