नई दिल्ली: पद्मावती फिल्म के निर्माताओं को सेंसर बोर्ड के आगे दो चैनल इंडिया टीवी औऱ रिपब्लिक टीवी के संपादकों को तरजीह देना भारी पड़ गया है. सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने इस पर कड़ी आपत्ति जतायी है. उन्हें इस बात की नाराजगी है कि फिल्म मेकर्स ने पद्मावती, सेंसर बोर्ड से पहले कुछ चुनिंदा मीडिया हाउसेज को दिखायी है. आपको बता दें कि इस स्क्रीनिंग में इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा औऱ रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अरनब गोस्वामी समेत कुछ खास लोगों को बुलाया गया.


सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने बयान जारी कर कहा है,"ये बेहद निराशाजनक है कि सेंसर बोर्ड को दिखाए बगैर या उसके प्रमाणित किए बिना ही पद्मावती फिल्म की मीडिया के लिए स्क्रीनिंग हो रही है, नेशनल चैनल्स पर उसकी समीक्षा हो रही है."



'पद्मावती' देखने के बाद सोशल मीडिया पर सभी ने फिल्म को लेकर अपने विचार साझा किए है. प्रसून जोशी का कहना है 'सेंसर बोर्ड से पहले ऐसे फिल्म दिखाना गलत'. ऐसे में फिल्म की रिलीज डेट पर असर पड़ सकता है.



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दरअसल, फिल्म को लेकर काफी दिनों से विरोध प्रदर्शन किए जा रहे थे. साथ ही फिल्म की रिलीज होने पर संजयलीला भंसाली और दीपिका पादुकोण को धमकियां भी मिल रही थीं. जिसके बाद मामले को शांत करने के लिए मेकर्स ने इस फिल्म को कुछ चुनिंदा लोगों को दिखाया जिससे कि फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ हो सके. ये रवैया प्रसून जोशी को पसंद नहीं आया कि सेंसर बोर्ड के बिना देखे और बिना सर्टिफिकेट लिए कोई और फिल्म को देखे.


आपको बता दें कि फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग में शामिल हुए पत्रकार रजत शर्मा ने अपने प्राइम टाइम शो में बताया कि वो इस फिल्म को देखने के बाद कह सकते हैं कि इसमें एक भी सीन आपत्तिजनक नहीं है. तो अरनब गोस्वामी ने अपने शो के दौरान कहा है कि इस फिल्म में राजपूतों के खिलाफ ऐसा कुछ नहीं है जिसके लिए इतना हंगामा हो. ये तो उनके लिए (पद्मावती) सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है. आपको बता दें कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म को सर्टिफिकेट दिए बिना ही वापस लौटा दिया था जिसका कारण अधूरा आवेदन बताया जा रहा था.