नई दिल्ली:  अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने फिल्म ''पद्मावत'' के एक विशेष सीन को लेकर आपत्ति दर्ज करवाते हुए एक खुला पत्र लिखा. जिसमें स्वारा ने कई मुद्दे उठाए. लेकिन स्वरा का ये लेख ज्यादा लोगों को रास नहीं आया. फिल्म इंडस्ट्री के कई लोगों ने फिल्म को लेकर दिए स्वरा के इस बयान का विरोध किया है.


स्वरा का यह खुला पत्र अभिनेत्री व गायिका सुचित्रा कृष्णमूर्ति को पसंद नहीं आया. उन्होंने ट्वीट किया, "पद्मावत पर ये नारीवादी बहस क्या बेवकूफी भरी नहीं है? यह महिलाओं की एक कहानी भर है, भगवान के लिए इसे 'जौहर' की वकालत न समझें. अपने मतलब के लिए कोई और मुद्दा उठाएं, जो ऐतिहासिक कहानी न होकर वास्तव में हो."

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वहीं, फिल्मकार अशोक पंडित ने कहा, "तर्कहीन और आधारहीन बातों से सबका ध्यान अपनी तरफ खींचने की कोशिश के अतिरिक्त यह और कुछ नहीं है. स्वरा भास्कर का दिमाग छोटा होकर एक महिला का अंग मात्र रह गया है. यह नारीवाद को ज्यादा नुकसान पहुंचाता है."


ये था स्वरा का बयान

संजय लीला भंसाली की फिल्म 'गुजारिश' में एक छोटी भूमिका निभा चुकी स्वरा भास्कर ने अपने लेख में कई अहम सवाल उठाए हैं. फिल्म की कहानी नारी की अस्मिता को लेकर जो संदेश दे रही है, उस ओर इशारा करते हुए उन्होंने लिखा, "आपकी महान रचना के अंत में मुझे यही लगा. मुझे लगा कि मैं एक योनि हूं. मुझे लगा कि मैं योनि तक सीमित होकर रह गई हूं."


  1. उन्होंने लिखा, "मुझे ऐसा लगा कि महिलाओं और महिला आंदोलनों को वर्षो बाद जो सभी छोटी उपलब्धियां, जैसे मतदान का अधिकार, संपत्ति का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, 'समान काम समान वेतन' का अधिकार, मातृत्व अवकाश, विशाखा आदेश का मामला, बच्चा गोद लेने का अधिकार मिले. सभी तर्कहीन थे. क्योंकि हम मूल प्रश्न पर लौट आए."

  2. उन्होंने लिखा, "हम जीने के अधिकार के मूल प्रश्न पर लौट आए. आपकी फिल्म देखकर लगा कि हम उसी काले अध्याय के प्रश्न पर ही पहुंच गए हैं कि क्या विधवा, दुष्कर्म पीड़िता, युवती, वृद्धा, गर्भवती, किशोरी को जीने का अधिकार है?"

  3. पुरुषवादी नानसिकता पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा, "महिलाएं चलती-फिरती योनि मात्र नहीं हैं. हां, उनके पास योनि है, लेकिन उनके पास उससे भी ज्यादा बहुत कुछ है. उनकी पूरी जिंदगी योनि पर ही ध्यान केंद्रित करने, उस पर नियंत्रण करने, उसकी रक्षा करने और उसे पवित्र बनाए रखने के लिए नहीं है."

  4. दकियानूसी सोच पर कटाक्ष करते हुए स्वरा ने कहा, "अच्छा होता अगर योनि सम्मानित होती. लेकिन दुर्भाग्यवश अगर वह पवित्र नहीं रही तो उसके बाद महिला जीवित नहीं रह सकती, क्योंकि एक अन्य पुरुष ने बिना उसकी सहमति के उसकी योनि का अपमान किया है."

  5. स्वरा ने लिखा कि योनि के अलावा भी दुनिया है, इसलिए दुष्कर्म के बाद भी वे जीवित रह सकती हैं. सपाट शब्दों में कहें, तो जीवन में योनि के अलावा भी बहुत कुछ है.