मुम्बई : निमोनिया और फेफडों में फैले गहरे संक्रमण के चलते 28 जुलाई से मुम्बई के जुहू स्थित सुजय अस्पताल में भर्ती जाने-माने संगीतकार खय्याम की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है और आईसीसी में गंभीर अवस्था में उनका इलाज जारी है. खय्याम का इलाज कर रहे डॉक्टर अभिषेक भार्गव ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत करते हुए ये जानकारी दी. डॉक्टर भार्गव ने बताया कि खय्याम साहब को फिलहाल नॉन इंवेसिव वेंटिलेटर पर रखा गया और रक्तचाप में अचानक से आई कमी के चलते उन्हें रक्तचाप को बढ़ानेवाली दवाइयां भी दी जा रहीं हैं. डॉक्टर भार्गव ने कहा कि पहले की तरह ही खय्याम साहब की हालत नाजुक मगर स्थिर बनी हुई है और फिलहाल ये बताना मुश्किल है कि खय्याम साहब पूरी तरह से ठीक हो पाएंगे या नहीं. डॉक्टर ने कहा कि फिलहाल इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है. पंजाब के राहों गांव में जन्मे 92 साल के खय्याम ने बतौर संगीतकार अपने करियर की शुरुआत 1953 में की थी. इसी साल आई उनकी फिल्म 'फिर सुबह होगी' से उन्हें बतौर संगीतकार पहचान मिली. गौरतलब है कि खय्याम को हमेशा से ही एक चूजी किस्म का संगीतकार माना जाता रहा है. चार दशक के करियर में उनकी पहचान बेहद कम मगर उम्दा किस्म का संगीत देनेवाले संगीतकार के रूप में बनी. 2007 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड तो वहीं 2011 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से नवाजा जा चुका है. फिर सुबह होगी के अलावा जिन फिल्मों में उनके संगीत की काफी चर्चा हुई, उनमें कभी कभी,‌ उमराव जान, थोड़ी सी बेवफाई, बाजार, नूरी, दर्द, रजिया सुल्तान, पर्वत के उस पार, त्रिशूल जैसी‌ फिल्मों का शुमार है.