Naseeruddin Shah On South Films Industry: बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार नसीरुद्दीन शाह किसी अलग पहचान के मोहताज नहीं हैं. अक्सर किसी न किसी मसले को लेकर नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) का नाम सुर्खियां बटोरता रहता है. हाल ही में नसीरुद्दीन शाह ने साउथ सिनेमा को लेकर अपनी राय रखी है. नसीरुद्दीन शाह के मुताबिक साउथ फिल्मों का टेस्ट बेशक अलग हो लेकिन का विजन एक दम क्लियर रहता है. 


साउथ सिनेमा पर बोले नसीरुद्दीन शाह 


इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह ने साउथ सिनेमा को लेकर अपनी राय रखी है. नसीरुद्दीन शाह ने कहा है कि- 'साउथ सिनेमा की फिल्में बेशक काल्पनीकशील होती हैं, उनका टेस्ट आपको अजीब लगता सकता है. लेकिन इन फिल्मों को मूल और निष्पक्ष साफ तौर पर महत्व वाला होता है, जो लोगों का ध्यान खींचता है. बीते समय में हमने देखा है कि पुष्पा (Pushpa), केजीएफ 2 (KGF 2) और आर आर आर (RRR) जैसी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर हिंदी फिल्मों को पीछे छोड़ा है.


जबकि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के बड़े सुपरस्टार आमिर खान और अक्षय कुमार कई फिल्में बिल्कुल भी नहीं चली हैं. दक्षिण सिनेमा की फिल्मों के पीछे हिंदी फिल्मों से ज्यादा कड़ी मेहनत की जाती है और उसका असर फिल्म के प्रदर्शन में साफ दिखाई देता है.'  इस तरह से नसीरुद्दीन शाह ने साउथ फिल्म इंडस्ट्री पर अपनी राय रखी है.


हिंदी सिनेमा पर भड़के नसीरुद्दीन शाह 


हाल ही में जश्न ए रेख्ता में नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) ने हिंदी सिनेमा पर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि- 'हिंदी फिल्मों में हमेशा से धर्मों का मजाक बनाया जाता रहा है. सालों से हम ये देखते आ रहे हैं कि हर कौम का मजाक बनता आ रहा है. फिल्मों में मुस्लिम शख्स एक दोस्त की भूमिका निभाता है, जो अंत में मरता है. जरूर है. जबकि सिख और पारसी तो हमेशा से मजाक के पात्र रहे हैं.'


यह भी पढ़ें- Selfiee Box Office Collection Day 2: बॉक्स ऑफिस पर सुस्त रही ‘सेल्फी’, दूसरे दिन अक्षय कुमार की फिल्म ने किया बस इतना बिजनेस