जयपुर: संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ का विरोध बढ़ता ही जा रहा है. अभी तक तो राजपूत समाज के लोग ही इस फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग रहे थे, लेकिन अब अजमेर के सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के दीवान भी इस फिल्म का विरोध करने वालों में शुमार हो गए हैं.

मुसलमानों से फिल्म के विरोध की अपील की

दरगाह के दीवान ने मुसलमानों से अपील की है कि वो फिल्म ‘पद्मावती’ का विरोध करें. यही नहीं उन्होंने संजय लीला भंसाली की तुलना विवादित लेखक सलमान रुश्दी, तस्लीमा नसरीन और तारिक फतह से भी की.

पीएम मोदी से भी की फिल्म पर रोक लगाने मांग

हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के वंशज और दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फिल्म ‘पद्मावती’ की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है.

खान ने कहा कि फिल्म के विरोध में देश के मुसलमानों को राजपूतों का साथ देना चाहिए. उनका कहना है कि फिल्म का मकसद किसी समुदाय की भावना को आहत करना नहीं होता है.

भंसाली की तुलना सलमान रुश्दी, तस्लीमा नसरीन और तारेक फतेह से की

खान ने अपने बयान में कहा, “भंसाली का किरदार वैसा ही है जैसा विवादित लेखक सलमान रुश्दी, तस्लीमा नसरीन और तारिक फतह का है. जिस तरह भंसाली ने इतिहास को ‘तोड़ मरोड़’ कर ‘पद्मावती’ फिल्म का निर्माण किया है और देश के राजपूत समुदाय की भावनाओं को आहत किया है, उसी तरह अभिव्यक्ति की आजादी का सहारा लेकर रुश्दी और तस्लीमा ने इस्लाम धर्म के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी करके मुसलमानों की ‘धार्मिक’ भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की है.

उन्होंने कहा कि ‘पद्मावती’ फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के पेश किए गए कथित चित्रण से राजपूत समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचना स्वाभाविक है.

इस फिल्म में रानी पद्मावती का किरदार दीपिका ने निभाया है और अलाउद्दीन खिलजी का रोल रणवीर सिंह ने. शाहिद कपूर राजा रावल रतन सिंह के किरदार में हैं. फिल्म 1 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है.