मुंबई: नो वन किल्ड जेसिका, तनु वेड्स मनु, रांझणा, रईस, ट्यूबलाइट मणिकर्णिका, मिशन मंगल, आर्टिल 15 जैसी फिल्मों में अपने सशक्त अभिनय से अपनी एक अलग पहचान‌ स्थापित करने वाले मोहम्मद ज़ीशान अय्यूब ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत करते हुए नागरिकता कानून में संशोधन किये जाने पर बीजेपी की नीयत और इस कानून के लागू किए जाने की मंशा पर कई सवाल उठाए.


ज़ीशान ने नोटबंदी के दौर को याद दिलाते हुए कहा कि सरकार की मंशा एक बार फिर लोगों को लाइन में लगाकर सभी से अपनी नागरिकता को साबित करवाने की है. उन्होंने बड़ी बेबाकी से कहा कि उनके मुसलमान होने से महज उन्हें और उन जैसे लोगों को ही अपनी नागरिकता साबित नहीं करनी होगी, बल्कि हिंदू और मुसलमान सभी को ऐसा करना होगा. उन्होंने कहा कि अगर कोई हिंदू अपनी नागरिकता साबित न कर पाए तो उसे नागरिकता कानून के तहत सहूलियत मिल जाएगी, लेकिन अगर कोई मुसलमान शख्स अपनी नागरिकता साबित न कर पाया, तो उसे कोई छूट हासिल नहीं होगी.


मोहम्मद ज़ीशान अय्यूब ने धर्म‌ के आधार पर एक विशेष समुदाय की उपेक्षा कर नागरिकता कानून में संशोधन को पूरी तरह से गलत बताया और इसे भारतीय संविधान के जज़्बे के खिलाफ ठहराया.


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दिल्ली के जामिया इलाके में पले-बढ़े मोहम्मद जीशान अय्यूब ने दिल्ली और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में प्रदर्शन के दौरान पुलिस की बर्बरता पर नाराजगी जताई, तो वहीं देश में हो रहे हिंसक प्रदर्शन और पुलिस को टार्गेट किए जाने को भी गलत बताया. उन्होंने कहा कि कोई भी प्रदर्शन हो, वह शांतिपूर्ण ढंग से ही किया जाना चाहिए.


गौरतलब है कि नागरिकता कानून में संशोधन के खिलाफ बॉलीवुड की कई शख्सियतों ने अपनी राय जाहिर की है. उन्होंने मुंबई में 19 दिसंबर को हुए प्रदर्शन में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. खुद मोहम्मद ज़ीशान अय्यूब भी अगस्त क्रांति मैदान में हुए प्रदर्शन में शामिल हुए थे. मगर जब एबीपी न्यूज़ ने उनसे पूछा कि ऐसा क्यों होता है कि अक्सर संजीदा किस्म के और विवादित मुद्दों पर सुपरस्टार और बड़े सितारे चुप्पी साध लेते हैं, तो उन्होंने कहा कि बड़े सितारे आसान टार्गेट होते हैं और उनपर तरह तरह के दबाव होते हैं. लेकिन उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि इसी खामोशी के चलते अब देश की यह हालत हो गई है. अंत में उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि इस खामोशी को तोड़ा जाए.